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नूतन कॉमिक्स-445-चतुर मंत्री
ये उस समय की कॉमिक्स थी जब राजा-महाराजा की कहानियों का दौर था। और ये कहानियां बहुत पसंद की जाती थी और अगर मै आज के दौर की बात करूँ तो आज का दौर सुपर हीरो का है पर हमारे जैसे पुराने कॉमिक्स प्रेमी आज भी इन्ही राजा-महाराजा की कहानी को पसंद करते है। इस कॉमिक्स को पढने के बाद मुझे अभी तक ये नहीं समझ में आ रहा है की इस कॉमिक्स का विवरण कैसे दूँ . कहानी की भूमिका तो बेहतर तरह से बांधी गयी है और कहानी की सुरुवात भी बेहतर तरीके से की गयी है पर फिर पता नहीं क्यों मुझे कहानी पढने में उतना मज़ा नहीं आया जैसे की मैंने उम्मीद की थी। पर बहुत सोचने के बाद में मुझे ये नहीं समझ में आ रहा है की ऐसा क्यों कर हुवा है।
कहानी शुरू होती है एक ऐसे राजा से जो की किसी दुसरे राजा के अधीन हो कर राज्य चलता है पर जैसा की हम सभी मानते है की किसी के अधीन राज्य चलाना आसान भी नहीं और किसी को ये अच्छा भी नहीं लगेगा। यही कारण है राजा के दुखी होने का, और महारानी और मंत्री जी ने उठा लिया है राजा के इस दुख को दूर करने का बीड़ा जो की बहुत ही कठिन कार्य है। पहले तो उनको अपने राज्य के गदारों को खोजकर उनको ख़तम करना है और फिर उस शक्तिशाली राजा के विरुद्ध लडाई करके उससे अपने राज्य को आजाद करवाना है। ये सब कैसे होता है और इसके लिए महारानी और मंत्री कैसे काम करते है वो ही इस कहानी का मुख्य आकर्षण है। इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर मिलते है .......
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नूतन कॉमिक्स-445-चतुर मंत्री
ये उस समय की कॉमिक्स थी जब राजा-महाराजा की कहानियों का दौर था। और ये कहानियां बहुत पसंद की जाती थी और अगर मै आज के दौर की बात करूँ तो आज का दौर सुपर हीरो का है पर हमारे जैसे पुराने कॉमिक्स प्रेमी आज भी इन्ही राजा-महाराजा की कहानी को पसंद करते है। इस कॉमिक्स को पढने के बाद मुझे अभी तक ये नहीं समझ में आ रहा है की इस कॉमिक्स का विवरण कैसे दूँ . कहानी की भूमिका तो बेहतर तरह से बांधी गयी है और कहानी की सुरुवात भी बेहतर तरीके से की गयी है पर फिर पता नहीं क्यों मुझे कहानी पढने में उतना मज़ा नहीं आया जैसे की मैंने उम्मीद की थी। पर बहुत सोचने के बाद में मुझे ये नहीं समझ में आ रहा है की ऐसा क्यों कर हुवा है।
कहानी शुरू होती है एक ऐसे राजा से जो की किसी दुसरे राजा के अधीन हो कर राज्य चलता है पर जैसा की हम सभी मानते है की किसी के अधीन राज्य चलाना आसान भी नहीं और किसी को ये अच्छा भी नहीं लगेगा। यही कारण है राजा के दुखी होने का, और महारानी और मंत्री जी ने उठा लिया है राजा के इस दुख को दूर करने का बीड़ा जो की बहुत ही कठिन कार्य है। पहले तो उनको अपने राज्य के गदारों को खोजकर उनको ख़तम करना है और फिर उस शक्तिशाली राजा के विरुद्ध लडाई करके उससे अपने राज्य को आजाद करवाना है। ये सब कैसे होता है और इसके लिए महारानी और मंत्री कैसे काम करते है वो ही इस कहानी का मुख्य आकर्षण है। इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर मिलते है .......