Wednesday 26 January 2011

MCK-232-Aayee Mushibat Bhago

http://www.mediafire.com/download.php?yija6o06n95olq6
ये कहानी विमल चटर्जी की लिखी हुवी है जैसा की
उनकी कहानी में होता है की आप को वो सब मिलता है जो
की अच्छी कहानी में चाहिए होता है
ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है
कहानी का मुद्दा है की कौन सा जीवन
जायदा मुस्किल है गृहस्त जीवन
या सन्यासी जीवन , राजा का अनुसार सन्यासी जीवन और
ऋषि के अनुसार गृहस्त जीवन कोई ये मानने को तैयार
नहीं की उनका जीवन कठिन है ,
राजा की बेटी के स्वयंबर में राजकुमारी ने एक ऋषि को पसंद किया
और ऋषि अपने गले में पड़ी माला देखकर भाग खड़ा हुवा,
आगे क्या होता है ये आप पढ़ कर देखिये और किसका जीवन कठिन ये भी
इस कहानी को पढ़ कर ही जान सकेंगे

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MC-1112-Ma Ka Karz

https://drive.google.com/open?id=0B6ar1oxMdhzaQS1RUjc4ZW5NZTg