Wednesday, 25 July 2012

Nutan Comics-185-Akash Aur Khoni Darinde


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नूतन कॉमिक्स -१८५- आकाश और ख़ूनी दरिन्दे
इस कॉमिक्स के साथ मेरे बच्पन की यादे जुड़ी है जो मै कभी भी भुला नहीं पाउँगा. इस कॉमिक्स के साथ एक ऐसी याद है जिसने मेरे सोचने की दिशा बदल दी थी और आज मै जैसा भी हूँ इसका बहुत बड़ा हाथ उस याद से है. हुआ ये था की मै ये कॉमिक्स किराये पर पढने के लिए लाया और मुझे ये कॉमिक्स इतनी अच्छी लगी की मेरे मन में लालच आ गया और मैंने ये कॉमिक्स वापस नहीं की और जब भी समय मिलता था इस कॉमिक्स को लेकर पढने बैठ जाता था, और ये सिलसिला लगभग ६ महीने चला फिर एक दिन मै इस कॉमिक्स को पढ़ रहा था और मेरे पापा की नज़र इस कॉमिक्स पर पड़ गयी,और जब उन्होंने मुझे डाट कर पूछा तो मै डर गया और पापा को पता चल गया की ये कॉमिक्स मैंने कैसे प्राप्त की , फिर क्या था उन्होंने मुझे इतना मारा, इतना मारा की उससे ज्यादा मार न कभी पहले पड़ी थी और न फिर बाद में कभी पड़ी, और फिर वो चले गए,

कॉमिक्स अभी भी मेरे पास थी मै उसे वापस तो कर नहीं सकता था और पापा की मार दुबारा खा भी नहीं सकता था तो मैंने उस कॉमिक्स की इतने टुकड़े किये की गिने भी न जा सके और फिर उसे ले जा कर तालाब में डुबो दिया,वो काम जिसे करने पर इतना सब कुछ हो जाये मैंने दुबारा कभी भी नहीं करने की कसम खायी और आज तक मैंने कभी इस तरह का कोई काम दुबारा नहीं किया. और फिर कॉमिक्स के बारे में कोई बात नहीं की, और ये मेरी किस्मत थी की पापा ने दुकानदार से इस बारे में कुछ नहीं पूछा. फिर ये कॉमिक्स मुझे अब जा कर मिली. वो कॉमिक्स जिसके लिये मैंने चोरी तक की वो कॉमिक्स मुझे दुबारा मिली ये मेरे लिये बहुत बड़ी बात है . अब समय बदल चूका है, फिर भी मै चाहूँगा की आप सब इस कॉमिक्स को पढ़ कर जरुर देखे की इसमें ऐसा क्या था जो मैंने ये सब किया था. फिर मिलते है ................

13 comments:

  1. brother ji plz manoj comics (vichiter rajmahal) upload kar dey.

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    1. Ye comics jahan tak mujhe yaad hai uploaded hai
      mere exm khatam ho jaye fir mai inhe dhundh kar
      aap ko deta hun
      6 aug tak please wait kar len

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  2. brother ji plz manoj comics (vichiter rajmahal) upload kar dey. Kyonki yeh agniputer aur vichiter vardaan ka second part hai.

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  3. मनोज भाई आपकी बचपन की घटना काफी रोचक है ऐसा कुछ मैंने भी किया था बचपन में यानि कामिक्स किराये से लाकर वापस न देना अब सोचता हूँ तो वो चीजें अच्छी नहीं लगती हैं पर उस समय इसकी समझ नहीं थी

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    1. yehi baat to hai
      aaj jab mai B.Ed. ki class kar raha hun aur child psychology padh raha hun tab ja kar pata chala hai ki wo samye bache apni duniyan me rahte hai aur unke liye apne aap se bada koi nahi hota.
      isliye us samye me lagbhag sabne kiya hoga.
      han aaj jab ham bade ho gaye hai to wo bate kharab hi lagegi

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  4. Thanks a lot bro for one more rare comic

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  5. अच्छा.... तो ये थी वो कॉमिक्स

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MC-1112-Ma Ka Karz

https://drive.google.com/open?id=0B6ar1oxMdhzaQS1RUjc4ZW5NZTg