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चुन्नू कॉमिक्स-३४- आज़ादी का पैगाम
१५ अगस्त १९४७, इस दिन हमें अंग्रेजो से आज़ादी मिली थी. और तब से लेकर आज तक ये दिन हमारे लिए आज़ादी की पुरानी खुशबु ले कर आता है. जैसा की हम सभी जानते है की हर चीज़ की अपनी कीमत होती है. और आज़ादी की कोई कीमत लगायी ही नहीं जा सकती है, और सच पूछो तो जो कीमत हमारे देशभक्तों ने अदा की,उसकी भी कोई मिशाल नहीं हो सकती, और अगर आज़ादी बेशकीमती है तो जो कुर्बानी हमारे देशभक्तों ने दी है, वो भी अनमोल है. मुझे तो अपने आप से गिला होता है की मै उस समय क्यों नहीं था जब सभी लोग देश को आजाद करवाने के लिए लड़ रहे थे मै भी अपना बलिदान अपने देश के लिए देता, फिर पुर्वजनम की बात पर विश्वास करके संतोष कर लेता हूँ की जरुर पूर्व जन्म कोई क्रन्तिकारी रहा हूँगा और मैंने भी अपने देश के लिए कुर्बानी दी होगी.(भागवान करे ऐसा ही हुआ हो ). जब भी मै अपने आज़ादी के मतवालों के बारे में पढता हूँ तो बस खो जाता हूँ. आज़ादी तो सही मायने में आज भी हमें नहीं मिली है, जो कुर्बानी हमारे पुरखो ने दी वो लगता है हमें भी देनी पड़ेगी. आज तो ,सच कहे तो, आज़ादी पाना पहले से भी ज्यदा मुश्किल लग रहा है, पहले कम से कम हमें पता तो था की हमें किसके खिलाफ लड़ना है और आज तो सबके चेहरे पर नाक़ाब है, हम लड़े तो लड़े किससे..... इस बारे में आगे भी अपनी बात रखता रहूँगा आज के लिए इतना ही फिर मिलते है..... जय हिंद जय भारत
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चुन्नू कॉमिक्स-३४- आज़ादी का पैगाम
१५ अगस्त १९४७, इस दिन हमें अंग्रेजो से आज़ादी मिली थी. और तब से लेकर आज तक ये दिन हमारे लिए आज़ादी की पुरानी खुशबु ले कर आता है. जैसा की हम सभी जानते है की हर चीज़ की अपनी कीमत होती है. और आज़ादी की कोई कीमत लगायी ही नहीं जा सकती है, और सच पूछो तो जो कीमत हमारे देशभक्तों ने अदा की,उसकी भी कोई मिशाल नहीं हो सकती, और अगर आज़ादी बेशकीमती है तो जो कुर्बानी हमारे देशभक्तों ने दी है, वो भी अनमोल है. मुझे तो अपने आप से गिला होता है की मै उस समय क्यों नहीं था जब सभी लोग देश को आजाद करवाने के लिए लड़ रहे थे मै भी अपना बलिदान अपने देश के लिए देता, फिर पुर्वजनम की बात पर विश्वास करके संतोष कर लेता हूँ की जरुर पूर्व जन्म कोई क्रन्तिकारी रहा हूँगा और मैंने भी अपने देश के लिए कुर्बानी दी होगी.(भागवान करे ऐसा ही हुआ हो ). जब भी मै अपने आज़ादी के मतवालों के बारे में पढता हूँ तो बस खो जाता हूँ. आज़ादी तो सही मायने में आज भी हमें नहीं मिली है, जो कुर्बानी हमारे पुरखो ने दी वो लगता है हमें भी देनी पड़ेगी. आज तो ,सच कहे तो, आज़ादी पाना पहले से भी ज्यदा मुश्किल लग रहा है, पहले कम से कम हमें पता तो था की हमें किसके खिलाफ लड़ना है और आज तो सबके चेहरे पर नाक़ाब है, हम लड़े तो लड़े किससे..... इस बारे में आगे भी अपनी बात रखता रहूँगा आज के लिए इतना ही फिर मिलते है..... जय हिंद जय भारत
Jai Hind............Bharat Mata Ki Jai.....
ReplyDeleteVaise Bhaiyya Bharat Ki Aan Rakhne Wali Comics Toh Upload Lar Di Aapne Par Bharat Ki Aan rakhne Wali Bpb Lab Upload Kar Rahe Ho ?
Aaj hi aap ko bpb bhi padhne ko mil jayegi
DeleteThanks a lot Manoj Bro
ReplyDeleteWelcome Brother
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