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टिंकल-५१५
कमाल की बात है, कहने को हमारे देश की भाषा हिंदी है, देश में सबसे ज्यदा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है,और तो और दुनियां की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषायों में भी एक है, और जिस देश की ये राज भाषा है,वहां इसका इतना बुरा हाल है की वहां का कोई भी काम हिंदी में नहीं होता, जो काम हिंदी में कराने की कोशिश कोई करता है,उसे तो अनपढ़ समझा जाता है. लोग हिंदी में किताबे खरीदना नहीं चाहते, लखनऊ में "लैंडमार्क" जहाँ पर लाखो किताबे होंगी,पर हिंदी में किताबों की संख्या मात्र ५०० के आस- पास होगी. हिंदी में छपने वाली कॉमिक्स तो बंद हो चुकी है, और हिंदी पत्रिकाओं का भी लगभग समापन आ गया है, आज लोट पोट, चंदामामा,नन्हे सम्राट, बाल हंस जैसी पत्रिकंये छप तो रही है,पर वो कब बंद हो जाएगी कहना बहुत मुश्किल है. आज टिंकल और अमर चित्रकथा हिंदी में कुछ भी नहीं छाप रहे है और इंग्लिश में तो उनकी आज भी छपाई जारी है. अगर इसी तरह रहा तो एक दिन हिंदी बोलने वाले देखने को नहीं मिलेंगे. किताबे तो नहीं मिल रही है.
कौन प्रकाशन होगा जो न बिकने वाली चीज़े छापेगा. टिंकल पत्रिका, अपने समय में छपने वाली सभी पत्रिकाओं से बेहतर थी, ये बात आप इस बेहतर पत्रिका को पढ़ कर जान जायेंगे.
मै तो 'बाल हंस' और 'बाल भारती' का नियमित मेम्बर हूँ और मै चाहता हूँ की जितनी भी और पत्रिकाएं आज छप रही है, हम सब को कम से कम किसी एक पत्रिका का मेम्बर होना चाहिए,जिससे इन्हें जल्दी बंद होने से रोका जा सके.
और हमें कम से कम राज कॉमिक्स की एक कॉमिक्स को हर सेट से खरीदनी चाहिए जिससे ये आखरी कॉमिक्स प्रकाशन बंद न हो जाये.
फिर मिलते है .............
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टिंकल-५१५
कमाल की बात है, कहने को हमारे देश की भाषा हिंदी है, देश में सबसे ज्यदा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है,और तो और दुनियां की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषायों में भी एक है, और जिस देश की ये राज भाषा है,वहां इसका इतना बुरा हाल है की वहां का कोई भी काम हिंदी में नहीं होता, जो काम हिंदी में कराने की कोशिश कोई करता है,उसे तो अनपढ़ समझा जाता है. लोग हिंदी में किताबे खरीदना नहीं चाहते, लखनऊ में "लैंडमार्क" जहाँ पर लाखो किताबे होंगी,पर हिंदी में किताबों की संख्या मात्र ५०० के आस- पास होगी. हिंदी में छपने वाली कॉमिक्स तो बंद हो चुकी है, और हिंदी पत्रिकाओं का भी लगभग समापन आ गया है, आज लोट पोट, चंदामामा,नन्हे सम्राट, बाल हंस जैसी पत्रिकंये छप तो रही है,पर वो कब बंद हो जाएगी कहना बहुत मुश्किल है. आज टिंकल और अमर चित्रकथा हिंदी में कुछ भी नहीं छाप रहे है और इंग्लिश में तो उनकी आज भी छपाई जारी है. अगर इसी तरह रहा तो एक दिन हिंदी बोलने वाले देखने को नहीं मिलेंगे. किताबे तो नहीं मिल रही है.
कौन प्रकाशन होगा जो न बिकने वाली चीज़े छापेगा. टिंकल पत्रिका, अपने समय में छपने वाली सभी पत्रिकाओं से बेहतर थी, ये बात आप इस बेहतर पत्रिका को पढ़ कर जान जायेंगे.
मै तो 'बाल हंस' और 'बाल भारती' का नियमित मेम्बर हूँ और मै चाहता हूँ की जितनी भी और पत्रिकाएं आज छप रही है, हम सब को कम से कम किसी एक पत्रिका का मेम्बर होना चाहिए,जिससे इन्हें जल्दी बंद होने से रोका जा सके.
और हमें कम से कम राज कॉमिक्स की एक कॉमिक्स को हर सेट से खरीदनी चाहिए जिससे ये आखरी कॉमिक्स प्रकाशन बंद न हो जाये.
फिर मिलते है .............
thaks for this....
ReplyDeleteand plz Upload SHAITANI DUNIYA (Radha comics). Pehle ispe serch kiya tha to link work ni kr rha tha, ab to mili hi ni...
So plz Upload it..
Thanks in advance...
You r most welcome brother
Deletesaitani duniyan pahle se uploaded hai
mujhe dekhna padega
agar kahi se milti hai to uska link
mai aap ko de dunga
Bhai kahan gayab ho gaye aap...No upload from long time..
ReplyDeletebrother uper wala post padhenge to
Deletesari baat ka idea ho jayega.
thanks for reply
Sahi hai brother but apne jo kiya and kar rahe ho for comic lovers uske liye a big thanks to you..Humen apke new uploads ka intezar rehta hai..Thanks again bhai..
DeleteAnd bro ho sake to pls upload the comics in cbz or cbr format rather than rar format on manoj comics blog..
ReplyDeleterar and cbr and cbz is same format
Deleteif u r not felling comfortable with rar
the rename the file and write .cbr in place to .rar
Thanks bro..
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