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प्रभात कॉमिक्स -४३४- अन्तरिक्ष का दरिंदा
जैसा मै आप सब को बता चूका हूँ, कि राज कॉमिक्स वालों ने अन्तरिक्ष की दुनियां को सबसे कम भुनाया. जबकि उनके पास एक ऐसा लेखक है जिसने अन्तरिक्ष की दुनियां पर बहुत ही बेहतरीन कहानियां लिखने के साथ -साथ उसकी वैज्ञानिक जानकारी भी समय समय पर दी. जी हाँ मै कर रहा हूँ अनुपम सिन्हा जी की,जिन्होंने चित्रभारती कथामाला में स्पेस स्टार सिरीज़ लिखी थी जो की अपने आप में बहुत ही बेहतर लिखी गयी है,और अगर मै अपनी बात करूँ हो मेरी नज़र में बहुत ही बेहतर है, पर पता नहीं क्यों उन्होंने राज कॉमिक्स के लिए ऐसी कोई कोशिश नहीं की.
मनोज कॉमिक्स में सबसे बेहतर कॉमिक्स, अन्तरिक्ष पर विमल चटर्जी जी ने राम -रहीम के लिए लिखा और वो कॉमिक्स थी अन्तरिक्ष मानव सिरीज़. उसके बाद तो मनोज कॉमिक्स ने अन्तरिक्ष पर बहुत कॉमिक्स छापी,पर अगर लेखकों की बात करूँ तो महेंद्र जैन जी ने सभी हीरो पर इस तरह की कॉमिक्स लिखी पर "टोटान" और "विनाश" पर लिखी गयी कॉमिक्स का कोई जबाब नहीं था. और इन सभी लेखकों में जो नाम सबसे ऊपर रखना चाहिए वो नाम है "योगेश मित्तल" जी का जिन्होंने नूतन और प्रभात कॉमिक्स के लिए अन्तरिक्ष पर लगभग सारी कॉमिक्स लिखी जिसमे ये कॉमिक्स भी सामिल है इसके अलावा 'मेघदूत' पर लगभग सारी कॉमिक्स इन्होने ही लिखी और वो सारी कॉमिक्स अन्तरिक्ष यात्रा पर थी. और मुझे लगता है की इनसे ज्यदा किसी ने भी अन्तरिक्ष दुनियां को नहीं खंगाला होगा,अपनी कहानियों के माध्यम से.
बाकि तिलक जी का मनोज कॉमिक्स का "आक्रोश" भी बहुत अच्छा लिखा गया था जिसका नाम यहाँ पर होना जरुरी है.
अब कुछ बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये, जैसा की आप सब को याद होगा की भारत-विशाल किस तरह से सिंगही से बच निकलते है पर जिसे अन्तरिक्ष का दरिंदा कहते है उससे बच निकलना इतना आसान तो नहीं होना चाहिए और सच मानिये नहीं होगा भी. बाकि आप कहानी पढ़ ही जाने तो ज्यदा मज़ा आएगा आप सब इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर मिलते है.......