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नूतन कॉमिक्स-99-भूतनाथ और मुकाबला
नूतन कॉमिक्स के सबसे चर्चित चरित्र "भूतनाथ" और "मेघदूत" थे।इनकी हर कॉमिक्स का एक अपना स्तर था,भूतनाथ राज कॉमिक्स के नागराज की तरह और मेघदूत सुपर कमांडो ध्रुव की तरह था। जो कि मुझे बहुत पसंद है पर भूतनाथ की अलग ही बात थी। भूतनाथ इतना प्रशिद्ध था उतना शायद उस समय कोई दूसरा चरित्र नहीं था। जब प्रकाशक 32 पन्ने की कॉमिक्स निकलने से डरते थे उस समय भूतनाथ की 48 पन्नो की बड़ी आकार की 8 कॉमिक्स(ज्यदा या कम के बारे में किसी को जानकारी हो तो कृपा अवगत करवाए ) निकली गयी थी जो की खूब बिकी थी।दूसरे प्रकाशकों में सिर्फ मनोज कॉमिक्स ने "खुनी दानव" नाम की सिर्फ एक ही कॉमिक्स निकली थी जो की इससे ज्यादा पन्नो की कॉमिक्स थी और इस चरित्र की कॉमिक्स से ज्यादा बिकी थी। बाकी किसी ने उस समय इस आकार की कॉमिक्स छापने का साहस ही नहीं दिखा सके थे। इन 8 कॉमिक्स में से 4 तो मेरे पास है जिनमे से दो(इसको लेकर) अपलोड कर चूका हूँ बाकी दोनों भी जल्द ही अपलोड करने की कोशिश करूँगा।
अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये-
भूतनाथ और मेनका छुट्टी बिताने एक जगह गए थे उन्हें वहां की शांति में काफी आनंद आ रहा था,एक बार वो दोनों एक होटल में बैठ कर खा रहे थे, तभी कुछ बदमाश उस होटल में बैठे एक बुजुर्ग आदमी को आ कर मारने लगे भूतनाथ से ये देखा न गया और उसने उन बदमाशो को मार कर भगा दिया पर जाते-जाते एक बदमाश ने चाकू से उन बुजुर्ग को घायल कर दिया,बुजुर्ग से पता चला की ये ठाकुर समशेर के आदमी थे,अब भूतनाथ जहाँ भी ठाकुर शमशेर सिंह का नाम लेते तो डॉक्टर बुजुर्ग का इलाज़ न करने के लिए कोई न कोई बहाना बना देते। शमशेर सिंह की ये दहशत देखकर मेनका और भूतनाथ सकते में रह जाते है और शमशेर सिंह की दहशत से वहां के लोगो छुटकारा दिलाने का फैसला करते है। पर क्या ये सब इतना आसान होने वाला था ? ये जानने के लिए आप को इस बेहतरीन कॉमिक्स को पूरा पढना पडेगा।
आप इस बेहतरीन कहानी का आनंद लें जल्द ही मै "चॉकलेट नम्बर दो" के साथ आप से दुबारा मिलता हूँ ........
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नूतन कॉमिक्स-99-भूतनाथ और मुकाबला
नूतन कॉमिक्स के सबसे चर्चित चरित्र "भूतनाथ" और "मेघदूत" थे।इनकी हर कॉमिक्स का एक अपना स्तर था,भूतनाथ राज कॉमिक्स के नागराज की तरह और मेघदूत सुपर कमांडो ध्रुव की तरह था। जो कि मुझे बहुत पसंद है पर भूतनाथ की अलग ही बात थी। भूतनाथ इतना प्रशिद्ध था उतना शायद उस समय कोई दूसरा चरित्र नहीं था। जब प्रकाशक 32 पन्ने की कॉमिक्स निकलने से डरते थे उस समय भूतनाथ की 48 पन्नो की बड़ी आकार की 8 कॉमिक्स(ज्यदा या कम के बारे में किसी को जानकारी हो तो कृपा अवगत करवाए ) निकली गयी थी जो की खूब बिकी थी।दूसरे प्रकाशकों में सिर्फ मनोज कॉमिक्स ने "खुनी दानव" नाम की सिर्फ एक ही कॉमिक्स निकली थी जो की इससे ज्यादा पन्नो की कॉमिक्स थी और इस चरित्र की कॉमिक्स से ज्यादा बिकी थी। बाकी किसी ने उस समय इस आकार की कॉमिक्स छापने का साहस ही नहीं दिखा सके थे। इन 8 कॉमिक्स में से 4 तो मेरे पास है जिनमे से दो(इसको लेकर) अपलोड कर चूका हूँ बाकी दोनों भी जल्द ही अपलोड करने की कोशिश करूँगा।
अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये-
भूतनाथ और मेनका छुट्टी बिताने एक जगह गए थे उन्हें वहां की शांति में काफी आनंद आ रहा था,एक बार वो दोनों एक होटल में बैठ कर खा रहे थे, तभी कुछ बदमाश उस होटल में बैठे एक बुजुर्ग आदमी को आ कर मारने लगे भूतनाथ से ये देखा न गया और उसने उन बदमाशो को मार कर भगा दिया पर जाते-जाते एक बदमाश ने चाकू से उन बुजुर्ग को घायल कर दिया,बुजुर्ग से पता चला की ये ठाकुर समशेर के आदमी थे,अब भूतनाथ जहाँ भी ठाकुर शमशेर सिंह का नाम लेते तो डॉक्टर बुजुर्ग का इलाज़ न करने के लिए कोई न कोई बहाना बना देते। शमशेर सिंह की ये दहशत देखकर मेनका और भूतनाथ सकते में रह जाते है और शमशेर सिंह की दहशत से वहां के लोगो छुटकारा दिलाने का फैसला करते है। पर क्या ये सब इतना आसान होने वाला था ? ये जानने के लिए आप को इस बेहतरीन कॉमिक्स को पूरा पढना पडेगा।
आप इस बेहतरीन कहानी का आनंद लें जल्द ही मै "चॉकलेट नम्बर दो" के साथ आप से दुबारा मिलता हूँ ........
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