Sunday, 2 June 2013

कथा भारती-02-सूर्य,परमाल की सौर्य गाथा


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कथा भारती-02-सूर्य,परमाल की सौर्य गाथा
 ये कॉमिक्स एक ऐतिहासिक कहानी पर आधारित कहानी पर बनी है। ये कहानी हमारे वीरता से भरपूर इतिहास की एक सुनहरी झलक है।
 कितना अजीब लगता है ये सोच कर कि हम ऐसे ऐसे पूर्वजो की संताने होते हुए भी कितने कमजोर और असहाए हो गए है। उनकी वीरता और देशभक्ति हम तो जरा भी दिखाई नहीं देती। कुछ सौ सालों में हमारा खून पानी हो गया है। हमारे पूर्वज इतने एक थे कि वो सब एक साथ आत्महत्या तक कर लेते थे और एक हम है एक साथ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। कभी कभी तो ये लगता ही की जो वीर थे वो शहीद हो गए और जो डरपोक और देशद्रोही थे वो बच गए और हम सब उन ही डरपोक और देशद्रोही लोगो की देन है जिनमे न तो सच बोलने की हिम्मत है और न ही सच सुनने की हिम्मत।ईमानदारी नाम की कोई चीज़ जैसे होती ही नहीं है हर आदमी अपने स्तर पर बेईमानी और धोखेबाजी में लगा हुआ है। सब के सब अपने लालच और अहम् में बधे हुए लगते है।
अब समय आ गया है की हम ये साबित कर दें की हम डरपोक और देशद्रोही लोगो की संतान न हो कर उन वीर और शहीद लोगो की संताने है जिनमे कुछ भी कर जाने की हिम्मत है। ये डरपोक पीढ़ी जो हम पर पिछले 60 सालो से राज कर रही है इन्हें बदलने का वक़्त है, ये ऐसे मतलबी और डरपोक लोगों की सरकार है जिनमे सच बोलने की हिम्मत नहीं है। कभी चीन सीमा में घुस कर हमारे बहादुर सैनको को की हत्या कर जाता है तो कभी पकिस्तान और बंगलादेश। और एक हम है की हम ऐसे कायरों की सरकार बनवा कर खुश रहते है। कही मावोवादी तो कही आतंकवादी तो नकशली, हमारी इतनी ही अवकात रह गयी है।
एक हमारे यहाँ की सरकार है मतलब उत्तर प्रदेश की, जो पुलिश वाले वेचारे बम विस्फोट में मारे गए उन्हें किसी ने नहीं पूछा और जिन्हों ने बम विस्फोट किया उन्हें लाखो का इनाम दिया जा रहा है। कभी कभी तो मन करता है इन सब को चौराहे पर खड़ा करके गोली मार देनी चाहिए, पर क्या करूँ सभ्यता का तकाजा है कि मै ये सिर्फ सोच कर ही रह जाता हूँ। वैसे ये सब है तो इसी लायक।
 मैंने तो कम से कम ये ठान ली है की मेरा वोट पहले तो पड़ेगा जरुर और दुसरे ऐसे नपुंशक और देशद्रोही लोगो को नहीं पड़ेगा। आप भी इन सब पर विचार करें पहले तो वोट जरुर डाले दुसरे ये देख कर डालें की कैसे लोगों को वोट डाल रहे है तभी कुछ देश का भला होगा वरना एक दिन ये देश को बेच खायेंगे और हम फिर से आजादी की लडाई लड़ रहे होंगे।
आज लगता है कुछ ज्यदा हो गया पर क्या करूँ जितना सुनता हूँ उतना ही मै बेचैन हो जाता हूँ। आप इस बेहतर कहानी का आनद लें मै जल्दी ही आप से दुबारा मिलता हूँ।।।।।।।।।।।

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MC-1112-Ma Ka Karz

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