गोयल कॉमिक्स को मैंने तब पढ़ा था जब राज और मनोज कॉमिक्स राज कर रहे थे इसलिए उस समय इसे ज्यादा पढ़ने का मौका तो नहीं मिला था फिर भी
यंग मास्टर, चाचा चम्पक लाल मुझे बहुत पसंद आया करता था। वैसे तो मुझे ये बिना हीरो वाली कॉमिक्स पढ़ने में मज़ा नहीं आता था। मेरे समय में तो सुपर हीरो कॉमिक्स का बोलबाला था और मैं इन्हे बहुत पढ़ना पसद करता था। बिना सुपर हीरो की कॉमिक्स मेरे लिए बेकार हुवा करती थी वो तो बाद में पता चला की बिना सुपर हीरो वाली कॉमिक्स कही बेहतर हुवा करती थी। ये कॉमिक्स भी किसी भी सुपर हीरो की नहीं है बस एक सीधी साधी हास्य कॉमिक्स है और सच कहूं तो आप ने चाहे कितने भी बाकेलाल और हवलदार बहादुर पढ़े हो। इस कॉमिक्स को आप बिना हसे पूरा नहीं कर सकते। पढ़ कर देखे मज़ा आएगा।
गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो गयी है। अब मेरे पास भी कुछ अपलोड करने का समय है। उम्मीद है की मैं इन छुट्टियों में ज्यादा कॉमिक्स अपलोड कर पाउँगा।
नया स्कूल ज्वाइन किया था तो सेक्शन ब्रेक का पैसा नहीं मिलेगा (पहले साल छुट्टीओं का पैसा स्कूल नहीं देता है ) वो एक परेशानी मेरे लिए जरूर है। पर कुछ न कुछ रास्ता तो निकल ही आएगा। अभी स्कूल को लेकर भी मैं पूरी तरह निश्चिंत नहीं हूँ। एक तो नया स्कूल है दूसरे मेरी छटी इंद्री कुछ खतरे का अहसास दे रही है भगवान् करे सब ठीक हो। बार बार नौकरी बदलना ठीक तो नहीं है। और मेरा ऐसा कोई इरादा भी नहीं है पर देखते है की आगे क्या होता है।
फिलहाल तो मैं अपने आप कोई विचार विहीन पा रहा हूँ। इसलिए आज इतना ही उम्मीद है अगली बार मेरे साथ ऐसा न हो। तब तक के लिए विदा।
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