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मनोज कॉमिक्स -७५४-इंस्पेक्टर मनोज और आदमखोर मछलियाँ
मनोज कॉमिक्स हमेशा मेरे दिल के करीब रही है और इसका प्रथम कारण इस प्रकाशन का नाम और मेरा नाम एक होना है। (मेरा इस प्रकाशन से दूर-दूर तक कोई रिस्ता नहीं है ) पर बचपन में जब आप पढ़ना सुरु करते है और देखते है की आप के नाम से कॉमिक्स छाप रही है तो उसका एक अपना अलग अहसास होता है। आप के नाम से कॉमिक्स तो छपती ही थी ये क्या कम था जो आप के नाम का सुपर हीरो भी कॉमिक्स में होता है। इस अहसास के कारण मनोज कॉमिक्स और उसका ये सुपर हीरो इंस्पेक्टर मनोज हमेशा से मुझे भाया है। वैसे तो इंस्पेक्टर मनोज की कॉमिक्स की कहानियाँ क्या खूब होती थी। रहस्य -रोमांच से भरपूर। इंस्पेक्टर मनोज की आप कोई भी कॉमिक्स उठा कर पढ़ लें आप निराश नहीं हो सकते।
इस कहानी को लिखा है अशीत चटर्जी जी ने।
कहानी सुरु होती है सोने के चोरी से जो की पोलिश वालों ने पकड़ा होता है। और साथ में यस. पी का अपहरण अलग। अब ये वारदात पुलिश के नाक का सवाल बन जाता है। लुटेरे सोने को लेकर जिस टॉपू पर जाते है और जो जगह सोना छुपाने के इस्तेमाल करते है वहां होता है आदमखोर मछलियॉँ का आतंक। आगे क्या होता है ये आप खुद पढ़ कर देखें।
जल्दी ही दुबारा मिलते है।
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मनोज कॉमिक्स -७५४-इंस्पेक्टर मनोज और आदमखोर मछलियाँ
मनोज कॉमिक्स हमेशा मेरे दिल के करीब रही है और इसका प्रथम कारण इस प्रकाशन का नाम और मेरा नाम एक होना है। (मेरा इस प्रकाशन से दूर-दूर तक कोई रिस्ता नहीं है ) पर बचपन में जब आप पढ़ना सुरु करते है और देखते है की आप के नाम से कॉमिक्स छाप रही है तो उसका एक अपना अलग अहसास होता है। आप के नाम से कॉमिक्स तो छपती ही थी ये क्या कम था जो आप के नाम का सुपर हीरो भी कॉमिक्स में होता है। इस अहसास के कारण मनोज कॉमिक्स और उसका ये सुपर हीरो इंस्पेक्टर मनोज हमेशा से मुझे भाया है। वैसे तो इंस्पेक्टर मनोज की कॉमिक्स की कहानियाँ क्या खूब होती थी। रहस्य -रोमांच से भरपूर। इंस्पेक्टर मनोज की आप कोई भी कॉमिक्स उठा कर पढ़ लें आप निराश नहीं हो सकते।
इस कहानी को लिखा है अशीत चटर्जी जी ने।
कहानी सुरु होती है सोने के चोरी से जो की पोलिश वालों ने पकड़ा होता है। और साथ में यस. पी का अपहरण अलग। अब ये वारदात पुलिश के नाक का सवाल बन जाता है। लुटेरे सोने को लेकर जिस टॉपू पर जाते है और जो जगह सोना छुपाने के इस्तेमाल करते है वहां होता है आदमखोर मछलियॉँ का आतंक। आगे क्या होता है ये आप खुद पढ़ कर देखें।
जल्दी ही दुबारा मिलते है।
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