हमारा कॉमिक्स गुलदस्ता
अभी दो दिन पहले मुझे कॉमिक्स कॉमिक्स मिली. जैसे की मुझे आदत की पैसे सही लगाने के लिए जो कुछ भी मिलता है वो ले लेता हूँ, यहाँ भी कुछ ऐसे ही था. यहाँ मुझे ये पत्रिका "दोस्त' मिल रही थी जिसके बारे में मैंने पहले कभी सुना भी नहीं था देखने की बात ही दूर थी. पर लेना मज़बूरी सी बन गयी थी इसलिए ले लिया. और जब वो पत्रिका खोल का देखा तो हर पत्रिका में बीच में १६ पन्ने की एक बहुत ही शानदार कॉमिक्स मिली. अब मुझे लगता है की मै बहुत भाग्यसाली हूँ जो मुझे ये पत्रिका मिली और ये कॉमिक्स तो उन कई कॉमिक्स से बेहतर है जिसे जोड़ने के लिए हम बहुत पैसे खर्च कर रहे है. ये कॉमिक्स भी दो शानदार कहानीयों से सजी है पढ़े और इसका आनंद ले.
अभी दो दिन पहले मुझे कॉमिक्स कॉमिक्स मिली. जैसे की मुझे आदत की पैसे सही लगाने के लिए जो कुछ भी मिलता है वो ले लेता हूँ, यहाँ भी कुछ ऐसे ही था. यहाँ मुझे ये पत्रिका "दोस्त' मिल रही थी जिसके बारे में मैंने पहले कभी सुना भी नहीं था देखने की बात ही दूर थी. पर लेना मज़बूरी सी बन गयी थी इसलिए ले लिया. और जब वो पत्रिका खोल का देखा तो हर पत्रिका में बीच में १६ पन्ने की एक बहुत ही शानदार कॉमिक्स मिली. अब मुझे लगता है की मै बहुत भाग्यसाली हूँ जो मुझे ये पत्रिका मिली और ये कॉमिक्स तो उन कई कॉमिक्स से बेहतर है जिसे जोड़ने के लिए हम बहुत पैसे खर्च कर रहे है. ये कॉमिक्स भी दो शानदार कहानीयों से सजी है पढ़े और इसका आनंद ले.
Thanks a lot Manoj bro. Never hear of this one. Aapki list main he cover dekha tha, ab aapki wajah se padh bhee sakunga. Keep it up bro
ReplyDeleteSach kahun bhai to mujhe inhe kharidna bhari lag raha tha.
ReplyDeletejahan baki comics mujhe 4rs me mil rahi thi wahan ye patrika mujhe bekaar me lena hi lag raha tha. wo to ghar par dekhne par pata chala ki har ek se saath is tarah ki behtreen comics hai.