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नूतन कॉमिक्स-260-तिलस्मी खोपड़ी
मैंने कॉमिक्स पढना लगभग 1988 के लगभग शुरू किया था।पहली कॉमिक्स "चाचा चौधरी और उड़ने वाली कार" थी। अपने शुरू के दिनों में मैंने ज्यदातर डायमंड कॉमिक्स ही पढ़ा था। फिर आया "नागराज" का दौर और उस समय अगर राज कॉमिक्स में जो कुछ भी पढ़ा वो "नागराज" ही था।
फिर हाथ लगी मनोज कॉमिक्स और उसके सदाबहार किरदार "राम-रहीम", फिर इन दोनों के अलावा डायमंड कॉमिक्स के चाचा चौधरी ही था जो पढने के लायक लगता था। सच बात तो ये है इन तीन को खरीदने के ही पैसे नहीं हो पाते थे यहाँ तक किराये पर भी पढने लायक पैसे भी कभी-कभी नहीं होते थे और ऊपर से पढाई का इतना दबाव होता था कि खेलने का समय भी कम करना पड़ जाता था।
फिर मिला "सुपर कमांडो ध्रुव",और उसके बाद किसी भी किरदार को खरीदने की इच्छा ख़तम हो गयी थी क्योंकि उससे बेहतर मुझे तो कुछ कभी लग ही नहीं सकता था और न है। तो सच तो ये है नूतन कॉमिक्स अगर कभी पढ़ा भी तो सब किराये पर या किसी से कॉमिक्स के बदले कॉमिक्स लेकर ही पढ़ी होगी। इस लिए इस पब्लिकेशन के बारे में मेरे पास कुछ बेहतर कहने को नहीं है। बाद में जब मैंने खुद कमाना शुरु किया तब तक राज कॉमिक्स के किरदार बेहतर आ रहे थे और महीने में 10 कॉमिक्स से ज्यदा आती थी और नूतन कॉमिक्स ने लगभग कॉमिक्स छापना बंद कर दिया था।
फिर जब मनोज कॉमिक्स छपनी बंद हुवी तब जा कर जो भी कॉमिक्स मिली खरीदना शुरू किया उनमे नूतन कॉमिक्स,प्रभात कॉमिक्स, और बहुत पब्लिकेशन की कॉमिक्स मिली और तब जा कर ये जाना की ये कॉमिक्स पब्लिकेशन का स्तर कहाँ था और सच कहूँ मुझे इनको न पढ़कर मुझे कभी भी अफ़सोस नहीं हुवा।
अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये, राजा विषधर एक न्याय प्रिय राजा है,उनके राज्य में 30 विद्वान पंडित है,वो ये जानना चाहते है की उनके पंडितों में कौन सबसे ज्यादा विद्यावान है, तभी एक अनोखी बात होती है की एक दुष्ट जिन्न दरबार में आता है एक खोपड़ी के साथ और फिर एक सवाल की उसकी पास की खोपड़ी की क्या कीमत है अगर सही कीमत बता दी तो ठीक नहीं तो वो दरबार के सभी पंडितों को खा जायेगा। फिर क्या होता है? क्यों वो जिन्न राजा विषधर के पंडितों के पीछे ही क्यों पड़ा है? क्या कोई पंडित सभी की जान बचा सका ? इस सभी सवालों के जबाब जानने के लिए आप को इस कॉमिक्स को पढनी ही पड़ेगी। आप सब इस बेहतर कॉमिक्स का आनंद ले फिर जल्दी ही मिलता हूँ ......
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