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डायमंड कॉमिक्स -299- लम्बू-मोटू और पागलों का बादशाह
जैसा की आप सब ने "डॉक्टर अफलातून" पढ़ा होगा की कैसे एक बच्चे का दिमाग बूढ़े की तरह और एक बूढ़े का दिमाग बच्चे की तरह का हो जाता है और तो और कुछ बन्दर भी इंसानों की भाषा में बात करने लगते है और ये सब होता है "डॉक्टर अफलातून" के कारण।पूरा पुलिस बिभाग परेशान है इस समस्या से और किसी को कोई हल नज़र नहीं रहा है की इस परेशानी से कैसे निपटा जाये और उससे बड़ी परेशानी की बात ये थी की किसी को नहीं पता था की "डॉक्टर अफलातून" है कौन और उसे कहाँ से पकड़ा जा सकता है और उसकी कुल ताकत कितनी होगी।लम्बू-मोटू के लिए ये "डॉक्टर अफलातून" को ढूढ कर पकड़ना आसान तो बिलकुल भी नहीं होने वाला था वो भी तब जब उनके पास डॉक्टर अफलातून तक पहुचने का कोई रास्ता नहीं था।
लेकिन जैसे की हर कहानी में होता है की नायक को खलनायक तक पहुचने का कोई न कोई रास्ता मिल ही जाता है,वो रास्ता क्या है ये तो आप को कहानी पढने के बाद ही पता चल पायेगा।
कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स में पहली वाली कॉमिक्स की तरह बेहतर ही है पर कुछ जगह मुझे कहानी खीची हुई लगी,पर फिर भी पूरी कहानी बहुत ही बेहतर है। आप इसे बार-बार पढना चाहेंगे।
जैसा की आप सभी जानते है की कॉमिक्स के भाग वाली कॉमिक्स जल्दी देने का प्रयास करता हूँ, और इस बार भी मैंने यही कोशिश की है। पर काम इतना ज्यदा है की बड़ी मुश्किल से ही समय निकल पा रहा है।
इस बार मैंने इंद्रजाल कॉमिक्स स्कैन करने का मन बनाया है, मै इंद्रजाल कॉमिक्स नहीं पढता हूँ और न ही उनका संग्रह करने में मुझे कोई रूचि है परन्तु आजकल जिस तरह से मुझे लोग कॉमिक्स बेच रहे है(सारी लेना होगा नहीं तो कोई नहीं देंगे) उसके कारण न चाहते हुवे भी मेरे पास हिंदी-इंग्लिश मिला का 400 कॉमिक्स से ज्यदा होंगी,चित्र और छपाई ख़राब होने के कारण मेरा उन्हें पढने में कभी मन नहीं लगा,पर अभी चार दिन पहले जब मै उन कॉमिक्स को देख रहा था तो उसमे मुझे एक ऐसी कॉमिक्स दिखी जो सबसे अलग थी।
हिंदी परिवेश में लिखी कहानी और इसका चित्रांकन किया था "श्री प्रदीप शाठे" जी ने। बस फिर क्या था कहानी पढ़ डाला और वो मुझे बहुत सरल और बहुत बेहतर लगी। फिर मैंने उसे स्कैन कर लिया है और जल्द ही अपलोड भी कर दूंगा और कहानी का नायक है "अनजान लोक का फ़रिश्ता". मुझे तो ये कहानी और इसके चित्र बहुत अच्छे लगे उम्मीद है आप को भी वो कॉमिक्स पसंद आएगी।
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डायमंड कॉमिक्स -299- लम्बू-मोटू और पागलों का बादशाह
जैसा की आप सब ने "डॉक्टर अफलातून" पढ़ा होगा की कैसे एक बच्चे का दिमाग बूढ़े की तरह और एक बूढ़े का दिमाग बच्चे की तरह का हो जाता है और तो और कुछ बन्दर भी इंसानों की भाषा में बात करने लगते है और ये सब होता है "डॉक्टर अफलातून" के कारण।पूरा पुलिस बिभाग परेशान है इस समस्या से और किसी को कोई हल नज़र नहीं रहा है की इस परेशानी से कैसे निपटा जाये और उससे बड़ी परेशानी की बात ये थी की किसी को नहीं पता था की "डॉक्टर अफलातून" है कौन और उसे कहाँ से पकड़ा जा सकता है और उसकी कुल ताकत कितनी होगी।लम्बू-मोटू के लिए ये "डॉक्टर अफलातून" को ढूढ कर पकड़ना आसान तो बिलकुल भी नहीं होने वाला था वो भी तब जब उनके पास डॉक्टर अफलातून तक पहुचने का कोई रास्ता नहीं था।
लेकिन जैसे की हर कहानी में होता है की नायक को खलनायक तक पहुचने का कोई न कोई रास्ता मिल ही जाता है,वो रास्ता क्या है ये तो आप को कहानी पढने के बाद ही पता चल पायेगा।
कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स में पहली वाली कॉमिक्स की तरह बेहतर ही है पर कुछ जगह मुझे कहानी खीची हुई लगी,पर फिर भी पूरी कहानी बहुत ही बेहतर है। आप इसे बार-बार पढना चाहेंगे।
जैसा की आप सभी जानते है की कॉमिक्स के भाग वाली कॉमिक्स जल्दी देने का प्रयास करता हूँ, और इस बार भी मैंने यही कोशिश की है। पर काम इतना ज्यदा है की बड़ी मुश्किल से ही समय निकल पा रहा है।
इस बार मैंने इंद्रजाल कॉमिक्स स्कैन करने का मन बनाया है, मै इंद्रजाल कॉमिक्स नहीं पढता हूँ और न ही उनका संग्रह करने में मुझे कोई रूचि है परन्तु आजकल जिस तरह से मुझे लोग कॉमिक्स बेच रहे है(सारी लेना होगा नहीं तो कोई नहीं देंगे) उसके कारण न चाहते हुवे भी मेरे पास हिंदी-इंग्लिश मिला का 400 कॉमिक्स से ज्यदा होंगी,चित्र और छपाई ख़राब होने के कारण मेरा उन्हें पढने में कभी मन नहीं लगा,पर अभी चार दिन पहले जब मै उन कॉमिक्स को देख रहा था तो उसमे मुझे एक ऐसी कॉमिक्स दिखी जो सबसे अलग थी।
हिंदी परिवेश में लिखी कहानी और इसका चित्रांकन किया था "श्री प्रदीप शाठे" जी ने। बस फिर क्या था कहानी पढ़ डाला और वो मुझे बहुत सरल और बहुत बेहतर लगी। फिर मैंने उसे स्कैन कर लिया है और जल्द ही अपलोड भी कर दूंगा और कहानी का नायक है "अनजान लोक का फ़रिश्ता". मुझे तो ये कहानी और इसके चित्र बहुत अच्छे लगे उम्मीद है आप को भी वो कॉमिक्स पसंद आएगी।
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