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डायमंड कॉमिक्स-७२८-लम्बू-मोटू और ग्रीन सिग्नल
डायमंड-कॉमिक्स भारत कि सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉमिक्स में से एक थी और इसकी सबसे बड़ी खूबी दो थी एक तो "प्राण" के सारे चरित्र जैसे "चाचा चौधरी" , बिल्लू और पिंकी यहाँ से प्रकशित होते थे जिसके कारण मेरे जैसे कितने लोगो ने हिंदी पढ़ना सिखा था,और दूसरी खूबी इसकी कहानियों का प्रशारण हर रविवार रेडियो पर होता था जिससे इन कॉमिक्स के प्रति उत्सुकता बहुत बढ़ जाती थी। कुछ दिनों तक तो राज कॉमिक्स ने भी कॉमिक्स कि कहानियों का प्रशारण रेडियो पर किया था "नागराज और लाल मौत" मैंने रेडिओ पर सुन कर ही लिया था।
एस. सी.बेदी जी ने राजन-इक़बाल सीरीज़ डायमंड कॉमिक्स के लिए ही लिखा और बाद में उसके बाल पॉकेट बुक्स लिखने लगे। वो समय तो जैसे जोड़ियों का समय था राम-रहीम,राजन-इक़बाल,अमर-अकबर,राम-बलराम जैसे ढेर सारे बाल सीक्रेट एजेंट पर कहानियां आती थी और दिल कि बात कहूं तो मैंने कई बार ये पता करने कि कोशिश भी कि थी कि बाल सीक्रेट एजेंट कैसे बनते है पर कुछ पता ही नहीं चला।
कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स उतनी अच्छी तो नहीं है जैसा कि हम उम्मीद करते है बस ये कहानी हमें उस समय कि याद दिला देगी,कहानी कि सुरुवात होती है स्कूल के बच्चो से होती है जो कि एक बस में पिकनिक जा रहे थे जिसमे लम्बू-मोटू भी थे और उसी बस को आंतकवादी अपना बंधक बना लेते है उसके बाद लम्बू-मोटू किस तरह से उस बस को छुड़ाते है ये ही इस कहानी का मुख्य आधार है।
हाँ आज यहाँ पर वो कुछ बाते मै दुबारा दोहरा रहा हूँ जिसे मै पहले भी कई बात कह चूका हूँ, इस ब्लॉग पर जो भी कॉमिक्स अपलोड होती है अगर उसे मैंने स्कैन और अपलोड किया होगा तो उस कॉमिक्स के साथ ९९ % मेरा उस कॉमिक्स के प्रति विचार जरुर होगा और उसमे मेरे ब्लॉग का लोगो तो १००% होगा अगर ऐसा नहीं है तो वो कॉमिक्स मेरी स्कैन और अपलोड की हुवी नहीं होगी वो सिर्फ यहाँ पर इसलिए दी गयी होगी कि ब्लॉग चलयमान रहे या फिर वो कॉमिक्स किसी सीरीज का हिस्सा होगी या फिर उस कॉमिक्स का लिंक नहीं नहीं मिल रहा होगा। अब बात आती है कि असली अपलोडर का नाम देने कि है तो वो मेरे लिए सम्भव नहीं रहता क्योंकि मै कभी कोई कॉमिक्स डाउनलोड नहीं करता क्योंकि मेरा नेट बहुत धीरे चलता है इसलिए मै अपने मित्रों से डीवीडी मंगवा कर कॉमिक्स पा लेता हूँ ऐसे में मुझे ये कभी पता नहीं रहता कि कौन से कॉमिक्स किसने भेजी है और उसे कहाँ से डाउनलोड किया गया है।
आज के लिए इतना बहुत है फिर जल्दी ही नयी कॉमिक्स के साथ दुबारा मिलते है। .......
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डायमंड कॉमिक्स-७२८-लम्बू-मोटू और ग्रीन सिग्नल
डायमंड-कॉमिक्स भारत कि सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉमिक्स में से एक थी और इसकी सबसे बड़ी खूबी दो थी एक तो "प्राण" के सारे चरित्र जैसे "चाचा चौधरी" , बिल्लू और पिंकी यहाँ से प्रकशित होते थे जिसके कारण मेरे जैसे कितने लोगो ने हिंदी पढ़ना सिखा था,और दूसरी खूबी इसकी कहानियों का प्रशारण हर रविवार रेडियो पर होता था जिससे इन कॉमिक्स के प्रति उत्सुकता बहुत बढ़ जाती थी। कुछ दिनों तक तो राज कॉमिक्स ने भी कॉमिक्स कि कहानियों का प्रशारण रेडियो पर किया था "नागराज और लाल मौत" मैंने रेडिओ पर सुन कर ही लिया था।
एस. सी.बेदी जी ने राजन-इक़बाल सीरीज़ डायमंड कॉमिक्स के लिए ही लिखा और बाद में उसके बाल पॉकेट बुक्स लिखने लगे। वो समय तो जैसे जोड़ियों का समय था राम-रहीम,राजन-इक़बाल,अमर-अकबर,राम-बलराम जैसे ढेर सारे बाल सीक्रेट एजेंट पर कहानियां आती थी और दिल कि बात कहूं तो मैंने कई बार ये पता करने कि कोशिश भी कि थी कि बाल सीक्रेट एजेंट कैसे बनते है पर कुछ पता ही नहीं चला।
कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स उतनी अच्छी तो नहीं है जैसा कि हम उम्मीद करते है बस ये कहानी हमें उस समय कि याद दिला देगी,कहानी कि सुरुवात होती है स्कूल के बच्चो से होती है जो कि एक बस में पिकनिक जा रहे थे जिसमे लम्बू-मोटू भी थे और उसी बस को आंतकवादी अपना बंधक बना लेते है उसके बाद लम्बू-मोटू किस तरह से उस बस को छुड़ाते है ये ही इस कहानी का मुख्य आधार है।
हाँ आज यहाँ पर वो कुछ बाते मै दुबारा दोहरा रहा हूँ जिसे मै पहले भी कई बात कह चूका हूँ, इस ब्लॉग पर जो भी कॉमिक्स अपलोड होती है अगर उसे मैंने स्कैन और अपलोड किया होगा तो उस कॉमिक्स के साथ ९९ % मेरा उस कॉमिक्स के प्रति विचार जरुर होगा और उसमे मेरे ब्लॉग का लोगो तो १००% होगा अगर ऐसा नहीं है तो वो कॉमिक्स मेरी स्कैन और अपलोड की हुवी नहीं होगी वो सिर्फ यहाँ पर इसलिए दी गयी होगी कि ब्लॉग चलयमान रहे या फिर वो कॉमिक्स किसी सीरीज का हिस्सा होगी या फिर उस कॉमिक्स का लिंक नहीं नहीं मिल रहा होगा। अब बात आती है कि असली अपलोडर का नाम देने कि है तो वो मेरे लिए सम्भव नहीं रहता क्योंकि मै कभी कोई कॉमिक्स डाउनलोड नहीं करता क्योंकि मेरा नेट बहुत धीरे चलता है इसलिए मै अपने मित्रों से डीवीडी मंगवा कर कॉमिक्स पा लेता हूँ ऐसे में मुझे ये कभी पता नहीं रहता कि कौन से कॉमिक्स किसने भेजी है और उसे कहाँ से डाउनलोड किया गया है।
आज के लिए इतना बहुत है फिर जल्दी ही नयी कॉमिक्स के साथ दुबारा मिलते है। .......
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