Sunday, 9 February 2014

Tulsi Comics-Taushi aur Tripple T


Download 22 MB
Download 36 MB
Download 130 MB
तुलसी कॉमिक्स -तौसी और ट्रिपल टी
तुलसी कॉमिक्स श्री वेद प्रकाश शर्मा जी का है। तुलसी कॉमिक्स के तीन सबसे बड़े नायक "जम्बू", "तौसी", और "अंगारा" थे। और इन तीनो चरित्रों को बनाने वाले भी अपने आप में बहुत अच्छे उपन्यासकार थे और पुरे देश में इनके लिखे उपन्यास आज भी लोग पढ़ते है। जम्बू को खुद श्री वेद प्रकाश शर्मा जी ने खुद लिखा,तौसी को ऋतुराज जी ने लिखा जो कि सामाजिक उपन्यास लिखते थे,और अंगारा को श्री परशुराम शर्मा जी ने लिखा जिन्होंने राज कॉमिक्स के लिए नागराज,विनाश्दूत और भेड़िया लिखा। और नूतन कॉमिक्स के लिए मेघदूत लिखा। और अगर इनके चित्रकारों कि बात करूँ तो जम्बू को भरत मकवाना जी तौसी को कदम जी ने और अंगारा को प्रदीप शाठे जी ने बनाया। इस तरह से अगर देखा जाये तो इन कॉमिक्स को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए था पर शायद उस समय ये कॉमिक्स छपने में जयदा और कॉमिक्स कि गुड़वक्ता में कम ध्यान दीया। फिर भी ये कॉमिक्स जरुर पढ़ने लायक है। अच्छी कहानी और बेहतरीन चित्रों वाली ये कॉमिक्स आप को जरुर पढ़ने चाहिए।
 जैसा कि आप सभी जानते है कि हिंदी कॉमिक्स का बहुत बड़ा प्रेमी हूँ ,कॉमिक्स के प्रति जो मेरा पागलपन है वो तो मेरे घर वाले ही कायदे से समझते है या कहूं झेलते है पर मैं सुधरने को तैयार नहीं हूँ। मेरा ये कॉमिक्स प्रेम अभूतपूर्व है और मैं बहुत दिनों तक ये सोचता था कि मुझसे बड़ा कॉमिक्स प्रेमी कोई हो ही नहीं सकता है पर समय समय पर मुझे कुछ ऐसे लोगो मिलते रहे जो मुझे आईना दिखाते रहे पहले तो मेरा सबसे बड़ा कॉमिक्स कलेक्टर होने का भ्रम टूटा और अब मेरा कॉमिक्स के प्रति सबसे बड़ा पागलपन रखने का भ्रम टूट गया। अब तो मुझे यकीन हो गया है कि मै तो इन सब लोगो से बहुत छोटा हूँ ये सब तो मुझसे बहुत आगे है।
 इस कॉमिक्स कि प्रति वो दीवानगी मुझे देखने को मिली जिसके बारे में मैं सोच भी नहीं सकता था। संजय जी मेरे इसी ब्लॉग से कॉमिक्स डाउनलोड करते है और दिल्ली में वकालत करते है उनसे मेरी एक दो बार बात हो चुकी थी। अभी कुछ दिन पहली उनका फोन आया वो चाहते थे कि मै ये प्रस्तुत कॉमिक्स जल्दी से अपलोड कर दूँ पर मेरी अपनी कुछ मज़बूरियाँ रहती है इसलिए ये काम जल्दी होना सम्भव नहीं लग रहा था। उनसे मेरी बात हुवी वो सिर्फ एक कॉमिक्स के लिए दिल्ली से लखनऊ आ गए जब कि उन्हें मैंने बता दिया था कि इस कॉमिक्स में चार पन्ने फट्टे है। अब मै एक कॉमिक्स के लिए १० किलोमीटर भी नहीं जा सकता और संजय जी पुरे ५०० किलोमीटर चले आये। अब आप ही जरा सोचिये कि किसका कॉमिक्स प्रेम ज्यादा बड़ा है मेरा या संजय जी का, मेरे अनुसार संजय जी का।
फिलहाल एक और संजय,यानि संजय सिंह  जी कि मदद से ये कॉमिक्स बिना किसी मिस्सिंग पेज के साथ अपलोड करने में सफल हो पाया हूँ जिसके लिए उन्हें तहेदिल से धन्यबाद। 
 आज के लिए इतना ही फिर जल्दी ही किसी और कॉमिक्स के साथ जल्द ही आप सब से मिलता हूँ।

No comments:

Post a Comment

MC-1112-Ma Ka Karz

https://drive.google.com/open?id=0B6ar1oxMdhzaQS1RUjc4ZW5NZTg