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मनोज कॉमिक्स-६३६ -क़त्ल की रात
मनोज कॉमिक्स में ६०० से ७०० के बीच की कई कॉमिक्स मेरे संग्रह में उपलब्ध नहीं थी। उनमे से ये कॉमिक्स भी एक है। संयोग से ये कॉमिक्स अपलोड भी नहीं थी और होने के आसार भी कम नज़र आ रहे थे। ऊपर वाले की दया से ये कॉमिक्स मिली और आज मैं इसे अपलोड कर पा रहा हूँ। कॉमिक्स पढ़ना मेरा शौक है और जो भी कॉमिक्स मै पढता था या पढ़ने की इच्छा थी लगभग वो सभी मेरे संग्रह में उपलब्ध है। पर मुझे ये भी पता है की मेरे बाद उन कॉमिक्स को रद्दी में ही जाना है। कॉमिक्स, मेरे बचपन की अनमोल धरोहर है उसे इस तरह से ख़त्म होते देखना मेरे लिए बहुत कष्टकारी अनुभव था। जो, कभी कॉमिक्स प्रिंट करके और बेचकर बन गए (कुछ तो आज भी बन रहे है। ) ये उनकी जिम्मेदार थी कि वो इसे बचाने का प्रयास करते। राज कॉमिक्स को अगर छोड़ दिया जाये तो बाकी सभी ने इसे और भी छति पहुँचायी। कोई भी प्रयास इसे बचाने का नहीं हुआ बस राज कॉमिक्स ने इसे बचाने का जी -तोड़ प्रयास किया और अभी भी कर रहे है। उम्मीद है वो जरूर सफल होंगे।
पर बाकी प्रकाशनों की कॉमिक्स का क्या होगा ? तो उनको स्कैन और अपलोड करने का काम हम जैसे अपलोडर कर रहे है। अनुपम अग्रवाल जी ने इस प्रयास को शुरू किया था और आज शिव कुमार, गौरव, rko और भी बहुत लोग इस प्रयास में लगे है। उम्मीद करता हूँ की हम सब मिल कर छपी हुई ९० % हिंदी कॉमिक्स अपलोड करने सफल हो जायेंगे। अगर मोहित राघव जी अपलोड का काम जारी रख पाते तो अब तक हम मनोज कॉमिक्स तो सारी अपलोड कर चुके होते।
पिछले अपलोड के साथ लिखी गयी मेरी बाते कुछ लोगो को अच्छी नहीं लगी। मुझे तो यही समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर परेशानी किस बात को लेकर थी। सीधी बात तो ये है की मै जन्म से हिन्दू हूँ और रहूँगा तो मै राम-राम ही करूँगा अल्लाह-अल्लाह,जीजस-जीजस तो करने से रहा। मैंने पोस्ट में वही तो किया था। धर्म- धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब ये थोड़े ही हैं की मै अपने धर्म को मानना छोड़ दूँ। ये मुझ से तो हो नहीं सकता और जिनको धर्म- धर्मनिरपेक्ष होने का बहुत शौक हैं वो अल्लाह-अल्लाह या जीसस-जीसस करें मुझे कोई परेशानी नहीं है। धर्म- धर्मनिरपेक्ष देश में सभी को अपने धर्म को मानने,प्रचार-प्रसार करने का पूरा अधिकार है तो मुझे भी तो है। मै इसे समय-समय पर करता रहूँगा। एक साहब का मानना था की ये प्रचार का सरल माध्यम था अब उनको कौन समझाए कि जो भी ऑनलाइन कॉमिक्स डाउनलोड करके पढ़ते है उनमे से ९०% तो मुझे जानते है और वो मेरे अपलोड का इंतज़ार करते है फिर प्रचार किसके लिए। वैसे भी मेरा कमाई का जरिया मेरा अध्यापन कार्य है न की ये ब्लॉग।
फिर जल्द ही आप सब से दुबारा मुलाकात करता हूँ ………………………
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