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मनोज कॉमिक्स-८०१-मनहूस बंगला
सर्वप्रथम आप सभी को विजयदशमी की ढेर सारी सुभकामनाये। ईश्वर आप सब को अपने अंदर छुपे बुराईयों पर विजय पाने में आप सब की मदद करें। समाज से बुराई का नाश हो।
मनोज कॉमिक्स में हॉरर सिरीज़ की एक और कॉमिक्स। जैसे की मैं पहले भी लिख चूका हूँ। हॉरर कॉमिक्स में कुछ भी अलग लिखने की गुंजाइस कम होती है। सच पूछा जाये तो ये सही मायने में चित्रो की कहानी होती है। अगर इन कॉमिक्स के चित्रो को देख कर सिरहन नहीं पैदा हुयी तो समझ लीजिये कॉमिक्स किसी काम की नहीं है।
ये कॉमिक्स इन दोनों मामले में ठीक है। कहानी पुराने ढर्रे पर बदला लेने वाली नहीं है और इसके चित्र भी ऐसे है की एक बार तो हार्ट अटैक हो जाये तो ताजुब नहीं होगा।
कहानी सुरु होती है पुलिश की चोर के पीछा करने से। और वो भाग कर छुपते है मनहूस बंगले में। जिसमे आज तक जो गया तो जिन्दा वापस नहीं आया अब इन दोनों चोरो का क्या होता है ये तो आप को कहानी पढ़कर ही जानने को मिलेगा। चित्र शानदार है हरवंश मक्कड़ जी के। कहानी सभी हॉरर कॉमिक्स की कहानी से अलग है। एक नया प्रयोग है हॉरर कॉमिक्स में। पढ़ कर देखे उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी। मनोज कॉमिक्स में सेट नंबर -१२९ तक अपलोड होने को पूरी तरह तैयार है। श्री चंद और Aby भाई ने कुछ कॉमिक्स को एडिट करने में मदद की है उसके लिए तहे दिल से धन्यवाद। वो कॉमिक्स जब भी अपलोड होंगी उसके साथ उनका नाम जरूर दिया जायेगा।
फिर जल्द ही मिलते है।
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