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नूतन कॉमिक्स - ५३- मामाजी और ड्रैकुला
नूतन कॉमिक्स अपने समय की बेहतरीन कॉमिक्स में से एक थी। भूतनाथ, अमर अकबर ,मामाजी, छुटकी आदि कई प्रमुख किरदार थे। पर जैसे की मै पहले लिख चूका हूँ। कि उस समय जब मैंने कॉमिक्स पढ़ना शुरू किया तो नागराज , सुपर कमांडो ध्रुव , राम रहीम , महाबली शेरा , चाचा चौधरी आदि की कॉमिक्स की भरमार थी। इन कॉमिक्स का प्रचार तंत्र बहुत मज़बूत था। यही कारण था की नूतन कॉमिक्स के अच्छे कहानियों के बाद भी जो स्थान पाठकों के मध्य मिलना चाहिए था वो इन्हे नहीं मिला। यहाँ तक मैंने भी इनकी ३० कॉमिक्स से काम पढ़ी थी उस दौर में। जब मनोज कॉमिक्स बंद हुयी तो कही जा कर इन कॉमिक्स पर ध्यान गया। कहानी चाचा चौधरी की कहानियों की तरह दो व तीन पन्नो की कई कहानियां है और आप को गुदगुदाने में पूरी तरह सफल है। पढ़े और आनंद लें।
आज से हमारा स्कूल खुल गया। पहले ही दिन मेरे लिए खुशखबरी ले कर आया। जैसा की हर स्कूल का नियम होता है की पहले साल के गर्मियों की छुट्टी के पैसे स्कूल नहीं देते है। अगले साल से छुट्टियों के पैसे भी मिलने लगते है। स्कूल में मेरा पहला साल था तो मुझे जून के पैसे नहीं मिलने थे। परन्तु मेरे स्कूल ने इस साल से ये निर्णय लिया है की अब वो सभी को छुट्टियों की पैसे मिलेंगे चाहे उसे एक दिन ही क्यों नहीं हुवा हो। मतलब मुझे जून के पैसे मिलेंगे। ये मेरे लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। स्कूल और स्कूल मैनजमेंट को तहे दिल से धन्यवाद।
फिर जल्द ही मिलते है नहीं कॉमिक्स के साथ।
Hi you have done great job thanks to bring back the childhood memories.. I am agree with u regarding greedy behaviours by Rajcomics. Comics are still alive only causr of bloggers like u. And still they want to ruin our happiness by prohibiting. Anyway keep it up
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