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मनोज कॉमिक्स-९८२ - अंकल चार्ली और नरभक्षी वंगो
मनोज कॉमिक्स की ये कुछ चुनिंदा कॉमिक्स में से है जो मुझे बिलकुल पसंद नहीं है। मुझे वो हीरो बिलकुल पसंद नहीं आता। जो कमजोर हो और बार-बार उसकी बेज्जती हो और वो मारा जाये। कॉमिक्स मैंने पढ़ा नहीं है। इसलिए कहानी के बारे में कुछ भी अंदाज़ा नहीं है। आप पढ़ कर देखे शायद आप को पसंद आये। सेट नंबर १५३ तक दूसरे ब्लॉग पर अपलोड कर दिया है आप जा कर वहां से डाउनलोड कर सकते है।
आज कल राज कॉमिक्स वाले बहुत कुछ करने का प्रयास कर रहे है और सच कहूं तो मैं दिल से चाहता हूँ कि वो इन सब में सफल हो। पर वो जिस तरह से हम सब अपलोडर तो अपशब्द कह रहे है वो दुख पहुंचाने वाला है। उनके अनुसार हम अपने ब्लॉग से लाखो रूपये महीने कमा रहे है। मै औरों का तो नहीं जनता पर मुझे अब तक इस ब्लॉग ने १ पैसे का भी फ़ायदा नहीं पहुंचाया है। ५ साल से तीन ब्लॉग रन करने के बाद भी ऐडसन ८० डॉलर दिखा रहा है और जब तक १०० डॉलर नहीं होते वो कोई पैसे नहीं देगा। और मै हर महीने सिर्फ नेट के ७०० रूपये दे देता हूँ। किसी को अगर मेरी बात पर भरोसा नहीं है तो मेरा मेल आई पासवर्ड लेकर देख सकता हैं। खैर मुझे ब्लॉग से पैसे कमाना न था न है न रहेगा। ऐड सिर्फ इसलिए डाल रखा है कि घर वालों को समझा सकू की इतना समय इन पर क्यों दे रहा हूँ। सच कहूं तो ये ब्लॉगर नहीं होते तो राज कॉमिक्स बंद हो गयी होती। इनकी अपलोड को देखकर ७० % कॉमिक्स प्रेमी दुबारा कॉमिक्स से जुड़े और कॉमिक्स की बिक्री बढ़ी। अगर मैंने नेट पर "मनोज कॉमिक्स मैडनेस" न ज्वाइन किया होता तो आज मेरे पास एक भी कॉमिक्स नहीं होती। मोहित राघव , अनुपम अग्रवाल के कारण ही मैंने कॉमिक्स को स्कैन करना शुरू किया। और जब मैंने स्कैनिंग शुरू की तो मेरे पास मनोज कॉमिक्स का ३०% कलेक्शन ही था। और ९९% कलेक्शन है। कितने ही उप्लोडेर के कारण ही जो कॉमिक्स मेरे कलेक्शन में नहीं था। उसे मै पढ़ सका। राज कॉमिक्स में ही योद्धा की आखरी ५ जर्नल कॉमिक्स नहीं है पर उनकी कहानी को मै किसी अप्लोडेर के कारण ही पढ़ पाया। आज उन सभी निस्वार्थ भाव से सेवा करने वालों को धूर्त और लालची कहा जा रहा है। अब जहाँ तक मनोज कॉमिक्स के अपलोडिंग का सवाल है वो तो पूरी मै अपलोड करूँगा ही चाहे कुछ भी हो जाए। मैंने संदीप गुप्ता जी से २०११ में बात की थी और उनको हमारे कॉमिक्स अपलोडिंग को लेकर कोई शिकायत नहीं थी। यहाँ तक जो कॉमिक्स कहीं नहीं मिलती उसे भी स्कैन करने में मदद करने का वादा किया था। अब राज कॉमिक्स के उनकी क्या बात हुयी है मै नहीं जनता। मुझे ये नहीं समझ आता ड्स DC और मार्वल जैसे बड़े पब्लिकेशन के सारी कॉमिक्स नेट पर अपलोड है फ्री में फिर भी उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है। पर राज कॉमिक्स को कुछ ज्यादा परेशानी नहीं है। ये तो बात करने का भी पैसा चाहते है। पैसा-पैसा करते-करते साल में १० कॉमिक्स प्रिंट नहीं कर पाते। मजेदार बात है कि मेरे पास नागराज और ध्रव की सभी कॉमिक्स लगभव जितने रेट में प्रिंट हुयी है उन सब में है। एक-एक टाइटल के ५-५ कॉमिक्स होगी। फिर भी कॉमिक्स बिना मतलब कॉमिक्स राज कॉमिक्स से खरीद लेता हूँ। रीप्रिंट भी ले लेता हूँ होने के बाद भी। वो मुझे से कहते है कि उनको हमारे कारण आर्थिक हानि होती है। सर्प्रथम मैंने राज कॉमिक्स न के बराबर अपलोड की है। मेरे कारण उन्हें कभी कोई नुकशान नहीं हुआ है। आगे भी नहीं होगा। राज कॉमिक्स को आर्थिक हानि से बचाने के लिए और आर्थिक लाभ पहुंचाने का कुछ उपाय कर सकता हूँ अगर वो चाहे तो।
१. मै कोई मोबाइल ऐप नहीं बनाऊंगा
२. यदि राज कॉमिक्स वाले विंडो कॉमिक्स ऑप बनाते है और उस पर जो भी कॉमिक्स रिलीज़ करते है तो वो कॉमिक्स मै अपने ब्लॉग से हटा लूंगा।
३.यदि राज कॉमिक्स वाले चाहे तो मेरे ब्लॉग के सरे लिंक को डाउनलोड करके उसे अपने राज कॉमिक्स साइट पर अपलोड करके लिंक मुझे दे दें और उसकी प्राइज मेरे अनुसार रख ले, मै उन लिंक से अपने लिंक को बदल दूंगा। और जो भी प्राइज उन्हें मिलता है वो खुद रखे। मुझे उससे कुछ नहीं चाहिए। केवल हवा में बात नहीं चाहिए। हमने इतनी मेहनत की है और हम अपने सरे लिंक हटा लें और आप १० कॉमिक्स ऐप पर अपलोड करके बैठ जाएँ। तो हमारा बचपन तो ख़त्म हो जायेगा। आप तो पैसे कमाने के लिए भाग रहे है फ़ायदा नहीं हुवा तो ये प्रोजेक्ट भी ख़त्म कर देंगे। आप कॉमिक्स अपलोड करते जाएँ मै अपने ब्लॉग से उन कॉमिक्स के लिंक हटाता जाऊंगा।
४. जो कॉमिक्स आप को कहीं से न मिले मुझ से संपर्क करें मै आप को वो कॉमिक्स स्कैन कर के दे दूंगा। पर पहले आप काम तो करें।
फिलहाल मैंने अपना पक्ष रख दिया है। बाकी जो होगा देखा जायेगा।
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मनोज कॉमिक्स-९८२ - अंकल चार्ली और नरभक्षी वंगो
मनोज कॉमिक्स की ये कुछ चुनिंदा कॉमिक्स में से है जो मुझे बिलकुल पसंद नहीं है। मुझे वो हीरो बिलकुल पसंद नहीं आता। जो कमजोर हो और बार-बार उसकी बेज्जती हो और वो मारा जाये। कॉमिक्स मैंने पढ़ा नहीं है। इसलिए कहानी के बारे में कुछ भी अंदाज़ा नहीं है। आप पढ़ कर देखे शायद आप को पसंद आये। सेट नंबर १५३ तक दूसरे ब्लॉग पर अपलोड कर दिया है आप जा कर वहां से डाउनलोड कर सकते है।
आज कल राज कॉमिक्स वाले बहुत कुछ करने का प्रयास कर रहे है और सच कहूं तो मैं दिल से चाहता हूँ कि वो इन सब में सफल हो। पर वो जिस तरह से हम सब अपलोडर तो अपशब्द कह रहे है वो दुख पहुंचाने वाला है। उनके अनुसार हम अपने ब्लॉग से लाखो रूपये महीने कमा रहे है। मै औरों का तो नहीं जनता पर मुझे अब तक इस ब्लॉग ने १ पैसे का भी फ़ायदा नहीं पहुंचाया है। ५ साल से तीन ब्लॉग रन करने के बाद भी ऐडसन ८० डॉलर दिखा रहा है और जब तक १०० डॉलर नहीं होते वो कोई पैसे नहीं देगा। और मै हर महीने सिर्फ नेट के ७०० रूपये दे देता हूँ। किसी को अगर मेरी बात पर भरोसा नहीं है तो मेरा मेल आई पासवर्ड लेकर देख सकता हैं। खैर मुझे ब्लॉग से पैसे कमाना न था न है न रहेगा। ऐड सिर्फ इसलिए डाल रखा है कि घर वालों को समझा सकू की इतना समय इन पर क्यों दे रहा हूँ। सच कहूं तो ये ब्लॉगर नहीं होते तो राज कॉमिक्स बंद हो गयी होती। इनकी अपलोड को देखकर ७० % कॉमिक्स प्रेमी दुबारा कॉमिक्स से जुड़े और कॉमिक्स की बिक्री बढ़ी। अगर मैंने नेट पर "मनोज कॉमिक्स मैडनेस" न ज्वाइन किया होता तो आज मेरे पास एक भी कॉमिक्स नहीं होती। मोहित राघव , अनुपम अग्रवाल के कारण ही मैंने कॉमिक्स को स्कैन करना शुरू किया। और जब मैंने स्कैनिंग शुरू की तो मेरे पास मनोज कॉमिक्स का ३०% कलेक्शन ही था। और ९९% कलेक्शन है। कितने ही उप्लोडेर के कारण ही जो कॉमिक्स मेरे कलेक्शन में नहीं था। उसे मै पढ़ सका। राज कॉमिक्स में ही योद्धा की आखरी ५ जर्नल कॉमिक्स नहीं है पर उनकी कहानी को मै किसी अप्लोडेर के कारण ही पढ़ पाया। आज उन सभी निस्वार्थ भाव से सेवा करने वालों को धूर्त और लालची कहा जा रहा है। अब जहाँ तक मनोज कॉमिक्स के अपलोडिंग का सवाल है वो तो पूरी मै अपलोड करूँगा ही चाहे कुछ भी हो जाए। मैंने संदीप गुप्ता जी से २०११ में बात की थी और उनको हमारे कॉमिक्स अपलोडिंग को लेकर कोई शिकायत नहीं थी। यहाँ तक जो कॉमिक्स कहीं नहीं मिलती उसे भी स्कैन करने में मदद करने का वादा किया था। अब राज कॉमिक्स के उनकी क्या बात हुयी है मै नहीं जनता। मुझे ये नहीं समझ आता ड्स DC और मार्वल जैसे बड़े पब्लिकेशन के सारी कॉमिक्स नेट पर अपलोड है फ्री में फिर भी उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है। पर राज कॉमिक्स को कुछ ज्यादा परेशानी नहीं है। ये तो बात करने का भी पैसा चाहते है। पैसा-पैसा करते-करते साल में १० कॉमिक्स प्रिंट नहीं कर पाते। मजेदार बात है कि मेरे पास नागराज और ध्रव की सभी कॉमिक्स लगभव जितने रेट में प्रिंट हुयी है उन सब में है। एक-एक टाइटल के ५-५ कॉमिक्स होगी। फिर भी कॉमिक्स बिना मतलब कॉमिक्स राज कॉमिक्स से खरीद लेता हूँ। रीप्रिंट भी ले लेता हूँ होने के बाद भी। वो मुझे से कहते है कि उनको हमारे कारण आर्थिक हानि होती है। सर्प्रथम मैंने राज कॉमिक्स न के बराबर अपलोड की है। मेरे कारण उन्हें कभी कोई नुकशान नहीं हुआ है। आगे भी नहीं होगा। राज कॉमिक्स को आर्थिक हानि से बचाने के लिए और आर्थिक लाभ पहुंचाने का कुछ उपाय कर सकता हूँ अगर वो चाहे तो।
१. मै कोई मोबाइल ऐप नहीं बनाऊंगा
२. यदि राज कॉमिक्स वाले विंडो कॉमिक्स ऑप बनाते है और उस पर जो भी कॉमिक्स रिलीज़ करते है तो वो कॉमिक्स मै अपने ब्लॉग से हटा लूंगा।
३.यदि राज कॉमिक्स वाले चाहे तो मेरे ब्लॉग के सरे लिंक को डाउनलोड करके उसे अपने राज कॉमिक्स साइट पर अपलोड करके लिंक मुझे दे दें और उसकी प्राइज मेरे अनुसार रख ले, मै उन लिंक से अपने लिंक को बदल दूंगा। और जो भी प्राइज उन्हें मिलता है वो खुद रखे। मुझे उससे कुछ नहीं चाहिए। केवल हवा में बात नहीं चाहिए। हमने इतनी मेहनत की है और हम अपने सरे लिंक हटा लें और आप १० कॉमिक्स ऐप पर अपलोड करके बैठ जाएँ। तो हमारा बचपन तो ख़त्म हो जायेगा। आप तो पैसे कमाने के लिए भाग रहे है फ़ायदा नहीं हुवा तो ये प्रोजेक्ट भी ख़त्म कर देंगे। आप कॉमिक्स अपलोड करते जाएँ मै अपने ब्लॉग से उन कॉमिक्स के लिंक हटाता जाऊंगा।
४. जो कॉमिक्स आप को कहीं से न मिले मुझ से संपर्क करें मै आप को वो कॉमिक्स स्कैन कर के दे दूंगा। पर पहले आप काम तो करें।
फिलहाल मैंने अपना पक्ष रख दिया है। बाकी जो होगा देखा जायेगा।
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