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इंद्रजाल कॉमिक्स-२६-०७-पेशवर हत्यारा
इंद्रजाल कॉमिक्स मुझे कभी भी नहीं पसंद आई,कारण सीधा सा है इनके चित्र व इनकी कहानियों का भारतीय मूल का न होना। इस कारण इंद्रजाल कॉमिक्स जब भी पढ़ा मज़बूरी में पढ़ा,जब कुछ और पढने को नहीं होता था। यही कारण है की मुझे इस प्रकाशन की ज्यदा जानकारी भी नहीं है। यदि जानकारी होती तो मुझे प्रदीप शाठे जी द्वारा बनायीं गयी कॉमिक्स के बारे में जानकारी जरुर होती तो शायद मैंने काफी इंद्रजाल कॉमिक्स पढ़ी होती।
जब से मनोज कॉमिक्स का प्रकाशन बंद हुवा और राज कॉमिक्स का प्रकाशन न के बराबर हुवा है तब वो सारे प्रकाशन की कॉमिक्स पढने को मजबूर होना पड़ा है जिन्हें मै कभी भी नहीं पढता। उनमे से कुछ इइंद्रजाल और चित्रभारती की कॉमिक्स जरुर है।इनके अलावा नूतन कॉमिक्स, नीलम कॉमिक्स,गंगा कॉमिक्स आदि है। अब तो खैर हर प्रकाशन का कुछ न कुछ मेरे पास जरुर है पर उन सब ने मुझे कभी राज कॉमिक्स और मनोज कॉमिक्स की तरह पागल नहीं किया था।
पेशेवर हत्यारा कहानी है एक अंतर्राष्ट्रीय अपराधी की जो की पैसे ले कर अपराध करता है। ये बहुत ही खतरनाक और दिलेर है जिसे अब्दुल करीम नाम के भारतीय अपराधी गिरोह का सरदार पैसे देकर कुछ क़त्ल और एक बहुत ही खतरनाक कार्य के लिए बुलाता है। इस खून खराबे के कारण दारा इस अंतर्राष्ट्रीय अपराधी को रोकने के लिए बाध्य हो जाता है। आगे क्या होता है वो तो इस कहानी को पूरा पढने के बाद ही आप को पता चलेगा।
कहानी बहुत ही सरल और शांत तरीके से लिखी गयी है और चित्र तो प्रदीप शाठे जी के है जिनके बारे में कुछ कहना सूरज को दिया दिखाने जैसा होगा। एक जरुर पढने लायक कॉमिक्स।
अब मेरी तबियत बिलकुल ठीक लग रही है और उम्मीद है ठीक ही रहेगी। आप लोगो की चिंता और प्रार्थना के लिए तहे दिल से धन्यवाद।
जल्द ही मै एक नयी कॉमिक्स के साथ आप फिर मिलता हूँ ......................
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