Friday, 29 June 2012

Pawan Comics-13-Sukhiram-Dukhiram Aur Akal Badi Ya Bhais


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अक्ल बड़ी या भैंस
ये मुहावरा जब से होश संभाला है तब से सुन रहा हूँ. हम को बचपन से लेकर आज तक भैंस ही बड़ी दिखी है और मुझे तो वो ही बड़ी लगती है.
अक्ल दूध नहीं देती भैंस देती है इसलिए भैंस बड़ी
भैंस ५००० में बिकती है अक्ल को कोई नहीं पूछता,
भैंस वाले वाले आज उत्तर प्रदेश पर शासन कर रहे
और अक्ल वाले तो मख्खी मार रहे है इसलिए भैंस बड़ी.
ऐसे तो कई उदहारण है जो ये साबित करते है की भैंस अक्ल से बहुत बड़ी है. अब बात कुछ पवन कॉमिक्स के प्रसिद्ध चरित्र सुखीराम-दुखीराम की कर लेते है. अपने को ढेर सारी मुशीबत में डाल कर लोगो की मदद करते है और मिलता हमेशा इनको जूता- चप्पल ही है. इस तरह के किरदार मुझे कभी भी नहीं भाए, मोटू-पतलू, भी इसी तरह के किरदार है, लोगो ने इन्हें बहुत पसंद किया, पर मै इन्हें कभी भी पसंद नहीं कर पाया. मुझे हमेशा ये लगता है की यदि आप कोई अच्छा काम करो तो आप के साथ अच्छा ही हो, परन्तु इन पत्रों के साथ हमेशा उल्टा होता है जो मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता है इसलिए ये न पढना ही मुझे ज्यदा सुबिधाजनक दिखाई देता है. लेकिन ये पात्र सच्चाई का वो पहलु दिखाते है जो हमको दुनिया देती है, सब अपने आगे किसी के बारे में नहीं सोचते है,इसलिए इस तरह के चरित्र असली समाज के दर्शन करवाते है. आप भी असली समाज के दर्शन सुखीराम-दुखीराम के साथ कीजिये, फिर मुलाकात होगी अगले पोस्ट में----

Wednesday, 27 June 2012

MCK(S)-457 Rahasyamay Taboot


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अंसार अख्तर जी
अंसार अख्तर जी ने वैसे हो बहुत कॉमिक्स लिखी और सभी कॉमिक्स ने मुझे पूरा संतोष प्रदान किया.पर फिर भी उनकी जासूसी विषय पर लिखी गयी कॉमिक्स का कोई जबाब नहीं था और न ही आज है. इन्होने मनोज कॉमिक्स में "कर्नल कर्ण"(चित्र -प्रताप मुकुल जी ) विनोद -हामिद (चित्र- जगदीश पंकज जी ),सागर- सलीम (चित्र -हुसैन जमीन जी ) अमर -अकबर (चित्र -चौहाण) और भी कुछ चरित्र की कॉमिक्स लिखी. इन कॉमिक्स की सबसे खाश बात ये रहती थी कि इनके चित्रकार अलग-अलग होते थे और कोशिश की जाती थी की ये ही इन्हें हमेश बनाये जिससे पाठक इन चित्रों को देख कर कॉमिक्स के चरित्र को पहचान सके. कहानिया तो सब की लगभग एक जैसी ही होती थी पर मै आज तक ये क्यों नहीं समझ पाया की ये कहानिया हमेशा अच्छी क्यों लगती थी. ये कॉमिक्स भी उन कॉमिक्स की तरह ही है जिसमे एक सम्भार्न्त नागरिक पर विदेशी जासूस होने का संदेह है और सीधा कर्यवाही संभव नहीं है. इसलिए इस काम को कर्नल साहब को सौपा जाता है और इस काम को वो किस तरह से करते है वही असली मज़ा है ये कॉमिक्स मोहित राघव जी ने स्कैन किया है परन्तु इसके आखरी के दो पन्ने उनके पास नहीं थे इसलिए इस कॉमिक्स के आखरी के पन्ने मैंने स्कैन कर के ये कॉमिक्स पूरी की है उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है की ये कॉमिक्स आप को जरुर पसंद आएगी.

Tuesday, 26 June 2012

Hamara Comics Guldasta 03


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हमारा कॉमिक्स गुलदस्ता- ०३
ये कॉमिक्स भी बाकी दोनों कॉमिक्स की तरह बेहतर कहानी से लैस है और मुझे इस की तीन छोटी- छोटी कहानियां बहुत ही पसंद आई है. 'दोस्त' पत्रिका की ये सौगात मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं है जिस पत्रिका को मै लेना नहीं चाहता था और लेते समय ये लग रहा था की मै ठग गया, और उसमे इस तरह की चीज़ निकले तो उसका आनंद चार गुना हो जाता है . इस बार इस में टीटू से आप की मुलाकात करवाई जा रही है जो बच्चा थोडा शैतान और तेज़ बुधि का मालिक है और अपनी परेशानियों को किस मजेदार तरीके से ख़त्म करता है वो ही इसकी कहानियों का आधार है पढ़े और इसकी मजेदार हरकतों का आनंद उठाये

SET NO. 62



MCK(S)-241 क्रुक बोंड और मेरा जूता तेरा सर
http://www.mediafire.com/download.php?8d6nqy3yc3xpxcb
MCK(S)-242 हवलदार गैंडा राम और अनोखा मदारी
http://www.mediafire.com/download.php?jw6iye4uz9rugc7
MCK(S)-243 बौने का अंत
http://www.mediafire.com/download.php?n8hn7aex58o3u9u
MCK(S)-244 गोली रंग लाएगी
http://www.mediafire.com/download.php?t5438e4w03tssc4
MCK(S)-245 खून के छींटे
http://www.mediafire.com/download.php?1nd40dpa4gsldnw
MCK(S)-246 मत रो माँ
http://www.mediafire.com/download.php?kd8t5o68b02r0w8
MCK(S)-247 कफ़न की चोरी
http://www.mediafire.com/download.php?ev27oocdol3m7j6
MCK(S)-248 क्रुक बोंड और कांपती धरती के लोग
http://www.mediafire.com/download.php?860od3k9nsiap1q
MCK(S)-249 कुम्हार का खजाना
http://www.mediafire.com/download.php?6oxr7mntam3dzdn
MCK(S)-250 विनाशदूत अंगुठेलाल
http://www.mediafire.com/download.php?3abjjo5ddfr78sv
MCK(S)-251 तांत्रिक की मौत
http://www.mediafire.com/download.php?bwbxlhxzl8b5ya0
MCK(S)-252 मशीनी लाल अफीमी लाल और ठिंगा जिन्न
http://www.mediafire.com/download.php?ao6e8vnbvee0ggh
MCK(S)-253 चतुर चौधरी और मिस्टर नटवर लाल
http://www.mediafire.com/download.php?sct2topmuj1jzje
MCK(S)-254 नकाबपोश चोर
http://www.mediafire.com/download.php?2wrk2xiqtn5vfht
MCK(S)-255 हैली पुच्छल तारा
http://www.mediafire.com/download.php?lqda5j9goo0d9ot
MCK(S)-256 आफत की पुतली
http://www.mediafire.com/download.php?f2czbpy006911gm

Sunday, 24 June 2012

Guneet Comics-Dhag Aur Dhag


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गुनीत कॉमिक्स-ठग और ठग
गुनीत कॉमिक्स , ये कॉमिक्स तो मेरे पास भी १० के अन्दर ही होंगी और पढ़ी तो सिर्फ ये ही कॉमिक्स है, इसलिए इस पब्लिकेसन के बारे में मुझे ज्यादा तो पता नहीं है. पर गुनीत कॉमिक्स छापी कम ही है. पर जो भी हो जो एक मात्र कहानी मैंने पढ़ी , उसको पढने के बाद तो मुझे लगता है की गुनीत कॉमिक्स के कहानियों में कोई कमी तो नहीं हो सकती बस किस्मत इनकी अच्छी नहीं रही होगी.. कहानी तो इतनी शानदार है की बस पढने के बाद आप वाह कह उठेंगे. इतनी बेहतरीन कहानी है की इस कहानी को मै अपनी पढ़ी सारी कहानियों में शुरू के २० के अन्दर तो रखूँगा ही. हम सभी को ठगों के बारे में पढ़कर हमेशा ही मज़ा आता है और ये कॉमिक्स तो उन ठगों के बेहतरीन कारनामो से भरी पड़ी है मुझे ऐसा लगता है की क्योंकि ठग अपने दिमाग की मदद से लोगो को ठगते है इसलिए वो हमेशा हमें अपने कारनामो से जागरूक बनाते है कि कोई हमें किस तरह से ठग सकता है .

Saturday, 23 June 2012

Hamara Comics Guldasta 02


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हमारा कॉमिक्स गुलदस्ता ०२
ये कॉमिक्स जैसा पहले ही बता चूका हूँ की बेहतरीन कॉमिक्स रहती है और ये भी वैसी ही है जैसे की हम उम्मीद कर रहे है. आप खुद सोचिये की अगर आप के हाथ में शेर की पूछ आ जाये तो आप की क्या हालत होगी . सोचिये और सिर्फ सोचिये की आप क्या करेंगे और अगर दिमाग काम न करे तो ये कॉमिक्स डाउनलोड कर के पढ़ लीजिये जबाब मिल जायेगा. कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स तो बेहतर है ही साथ में चित्र भी बहुत अच्छे बने है.

Wednesday, 20 June 2012

Nutan Chitrakatha-112-Kanoon Ka Chabuk


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नूतन चित्रकथा -कानून का चाबुक
नूतन कॉमिक्स/चित्रकथा को मैंने ज्यादा नहीं पढ़ा है इसलिए इसके सही स्तर के बारे में कुछ भी कहना मेरे लिए ठीक नहीं होगा. जितना भी नूतन चित्रकथा पढ़ा है वो मुझे कभी में अपनी तरफ खीच नहीं पाया. इनके चित्र और प्रिंटिंग मुझे कभी नहीं भाई. ये हाल मेरा इंद्रजाल कॉमिक्स के साथ भी रहा.इन दो कारणों से इंद्रजाल भी मै न पढता हूँ और न ही उनका संग्रह करता हूँ. लेकिन सभी जानते है की कुछ लोगो के लिए उनके सामने कोई और कॉमिकस का कोई महत्त्व नहीं है वैसा ही नूतन चित्रकथा के साथ भी हो सकता है इसलिए इस चित्रकथा के बारे में अब और कुछ नहीं कहूँगा जहाँ तक इस कॉमिक्स की बात है तो इसकी कहानी मुझे राजेश खन्ना की एक फिल्म "दुश्मन" की याद दिलाती है और कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स तो बुरी नहीं है और ये सीख भी देती है. फिर भी पता नहीं क्यों मुझे इस कॉमिक्स को पढने में मज़ा नहीं है. आप भी पढ़ कर देखे उम्मीद है आप को ये कॉमिक्स अच्छी लगेगी.

Monday, 18 June 2012

Hamara Comics Guldasta 01

हमारा कॉमिक्स गुलदस्ता
अभी दो दिन पहले मुझे कॉमिक्स कॉमिक्स मिली. जैसे की मुझे आदत की पैसे सही लगाने के लिए जो कुछ भी मिलता है वो ले लेता हूँ, यहाँ भी कुछ ऐसे ही था. यहाँ मुझे ये पत्रिका "दोस्त' मिल रही थी जिसके बारे में मैंने पहले कभी सुना भी नहीं था देखने की बात ही दूर थी. पर लेना मज़बूरी सी बन गयी थी इसलिए ले लिया. और जब वो पत्रिका खोल का देखा तो हर पत्रिका में बीच में १६ पन्ने की एक बहुत ही शानदार कॉमिक्स मिली. अब मुझे लगता है की मै बहुत भाग्यसाली हूँ जो मुझे ये पत्रिका मिली और ये कॉमिक्स तो उन कई कॉमिक्स से बेहतर है जिसे जोड़ने के लिए हम बहुत पैसे खर्च कर रहे है. ये कॉमिक्स भी दो शानदार कहानीयों से सजी है पढ़े और इसका आनंद ले.

Sunday, 17 June 2012

Chitrabharti Kathamala-54-Akkad-Bakkad


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चित्रभारती कथामाला -अक्कड़ - बक्कड़

अक्कड़ बक्कड़ बाम्बे बोल ८०,९० पूरे १००.
१०० में लगा तागा चोर निकल के भागा .
मेम खाए बिस्कुट साहब बोले वैरी गुड
मुझे तो अक्कड़ बक्कड़ सुनने के बाद इसके अलावा कुछ भी याद नहीं आता पर यहाँ पर ये नाम दो बन्दर के बच्चो के है. पर सच कहूँ तो ये कहानी समझ के बहार है न तो ये पंचतंत्र की तरह जानवरों की कहानी बना पाए और न ही आदमियों की कोई कहानी. सब कुछ बिखरा- बिखरा और अधुरा सा लगता है कहानी पढने के बाद. कहानी न तो ज्ञान देती लगती है न मनोरंजन करती लगती है, बस सब कुछ ऐसे ही होता चला जाता है. कहानी के लिहाज़ से मै इसे १० में से ४ नंबर से ज्याद बिलकुल भी नहीं दे पाउँगा . बस ऐसे ही है ये कहानी , इसे पढना समय के बर्बादी के अलावा कुछ भी नहीं है. फिर ये एक कॉमिक्स होने के कारण में संग्रह में है और रहेगी पर अगर मै संग्रह नहीं करता होता तो ये कॉमिक्स मेरे पास कभी नहीं होती . फिर भी सबका अपना- अपना रूचि का आधार होता है हो सकता है जो मुझे बिलकुल न अचछा लगे वो किसी और को बहुत पसंद हो. इसे पढ़िए और देखिये की शायद ये कहानी आप को पसंद आये .

MCK(S)-207 तांत्रिक त्रिकाली और मानव फूल


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Hard Copy -Asutosh
Scan By -Asutosh/S Khan
Edited by -Manoj Pandey

Friday, 15 June 2012

Manoj Comics-Trikaaldev Aur Gajalu Ka Chakraviv


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ये है त्रिकालदेव
हमारे प्यारे सुपर हीरो ,
और अगर ये सुपर हीरो है तो हिरोगिरी तो दिखायेंगे ही. इन्होने तो जैसे सारी दुनिया का ठेका(दारू का नहीं भलाई का ) ले रखा है की अगर कोई मुशीबत में होगा तो ये उसकी मदद जरुर करेंगे और अगर मुशीबत जदा कोई नारी जाती हो तो ये घर बार छोड़कर उसकी मदद करने के लिए कही भी पहुच जायेंगे , चाहे वहां इनके जान के लाले ही क्यों न पड़ जाये. और ऐसे हीरो को तो कुछ नहीं होता पर इनका परिवार और इनका शहर उस मुशीबत को जरुर झेलता है. और इस कॉमिक्स में भी कुछ नया नया नहीं हुवा है तीन मुशीबत जदा लोग उसमे से एक "नारी जाती" अब आप ही बताये हमारे त्रिकादेव रुक पाएंगे बिलकुल नहीं और फिर सब कोई भुगता है उनकी समाज सेवा की सजा,और आप सभी जानते ही है अंत में सब कुछ ठीक हो जाता है. कहानी के लिहाज़ से कॉमिक्स अच्छी है और पढने पर बोर नहीं करती . ये कॉमिक्स भी पहले से उपलोड है पर पढने में मज़ा नहीं आता था इसलिए इसे दूबारा स्कैन किया है अब उम्मीद है पढने में मज़ा आएगा.

Thursday, 14 June 2012

Radha Comics-Shaktiputra Aur Kaalbhujang


शक्तिपुत्र और कालभुजंग
ये शक्तिपुत्र सिरीज़ की दूसरी कॉमिक्स थी हम जब MCM पर राधा कॉमिक्स अपलोड कर रहे थे तब ये कॉमिक्स मैंने स्कैन कर के दी थी पर उस समय मेरे पास जो कॉमिक्स थी उसके में बीच के चार पन्ने नहीं थे और उस कॉमिक्स को दीमक ने खाया था इसलिए कई जगह कॉमिक्स ठीक से पढ़ी नहीं जा पा रही थी जो की हम सब मानते है की कॉमिक्स जैसी भी मिले उसे स्कैन करो और अगर फिर मिलती है तो बाद में जैसा ठीक समझा जायेगा वैसा किया जायेगा. देवेन्द्र भाई के यहाँ ये कॉमिक्स मुझे मिली और उनकी मदद से ये पूरी कॉमिक्स ३०० dpi में दुबारा स्कैन किया है और अब ये कॉमिक्स पूरी होने के साथ साथ बेहतर स्कैन्निंग भी की है कहानी के लिहाज़ के ये एक ऐसा चरित्र था जिस पर आप आँख बंद कर के भरोषा कर सकते है इसकी कोई भी कहानी ने मुझे कभी भी निराश नहीं किया है देवेन्द्र भाई को धन्यवाद देते हुवे जरुर इस कॉमिक्स को जरुर पढ़े .

Wednesday, 13 June 2012

Radha Comics-Nagesh

ये कॉमिक्स जिसका नाम तो राधा कॉमिक्स वाले भी नहीं लेना चाहते होंगे. हिंदी कॉमिक्स की ये शायद ये सबसे बड़ी विवाद वाली कॉमिक्स थी. राज कॉमिक्स के नागराज की ये चरित्र नक़ल लगता था और आखिर राधा कॉमिक्स वालों को एक कॉमिक्स के बाद ही इसे बंद करना पड़ा. वैसे तो कहानी के हिसाब से इस कॉमिक्स ने मुझे निराश बिलकुल भी नहीं किया, ये नागराज कॉमिक्स से मिलता तो जरुर था पर पूरी तरह से कॉपी कहना मै सही नहीं समझता. कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स शुरू के कुछ पन्ने तो नक़ल लगते है लेकिन बाद में कहानी नागराज की कॉमिक्स से अलग हो जाती है, मुझे ऐसा लगता है की अगर इसका चित्रांकन नागराज से मिलता नहीं होता तो शायद ये कॉमिक्स कभी भी बंद नहीं होता. पर चित्र देखकर तो ये पूरा नागराज ही लगता है इसलिए इसकी कहानी पर भी ऐतराज किया गया.. वैसे ये बात तो है की अगर टी आर सिप्पी कुछ लिखेंगे और वो किसी की कॉपी न हो तो ऐसा कम ही होता है. वैसे तो ये कॉमिक्स नेट पर उपलभध है लेकिन वो शायद कैमरा प्रिंट है इसलिए इस कॉमिक्स को दूबारा स्कैन किया है ये कॉमिक्स देवेन्द्र भाई की दी है उनको इस कॉमिक्स के लिए तहे दिल से धन्यबाद

Saturday, 9 June 2012

पवन कॉमिक्स-सुर्यपुत्र



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"सुर्यपुत्र" पवन कॉमिक्स का पहला सुपर हीरो
वैसे तो 'राम बलराम', 'सुखीराम और दुखीराम' को इस पब्लिकेसन के सुपर हीरो माना जा सकता है परन्तु "सुर्यपुत्र" ही इनका असली सुपर हीरो माना जा सकता है . क्योंकि सुर्यपुत्र की कॉमिक्स का सबको इंतजान रहता था बाकि की कॉमिक्स तो मिल जाये तो लोग पढ़ लेते थे, पर उनको मांग कर पढने वाले लोग बहुत ही कम थे. हाँ बाद में "सुपर पवार विक्रांत" भी एक शक्तिशाली सुपर हीरो था पर सुर्यपुत्र के सामने वो भी कुछ नहीं था., और सुर्यपुत्र की कहानिया भी बहुत लाजबाब होती थी इसलिए ये सुपर हीरो किसी और सुपर हीरो से कम तो बिलकुल भी नहीं था किसी सुपर हीरो की की शुरुवात की कॉमिक्स ही ये बता देती है की वो सुपर हीरो कितने दिन चलने वाला है, और अगर आप सुर्यपुत्र की पहली कॉमिक्स पढेंगे तो आप खुद ही अंदाज़ा लगा पाएंगे की सुर्यपुत्र क्यों एक बेहतरीन सुपर हीरो है, सुर्यपुत्र मेरा पसन्दीदा सुपर हीरो है और एक समय तो मेरे पास इस हीरो के सारी कॉमिक्स थी और फिर एक समय आया की एक भी कॉमिक्स नहीं बची. फिर सुर्यपुत्र का नाम लेते हुँए इस सुपर हीरो के कॉमिक्स फिर से जमा करना शुरू किया ,और आज एक कॉमिक्स छोड़ कर सारी मेरे पास है , और ये सुर्यपुत्र की पहली कॉमिक्स तो 'देवेन्द्र भाई' ने अपनी इकलौती कॉमिक्स मुझे दे दी वरना शायद ये कॉमिक्स मुझे कही नहीं मिलती. इसलिए उन्हें दिल से धन्यवाद.

पवन कॉमिक्स-थारू का कुआँ

थारू का कुआँ
पवन कॉमिक्स की एक और दुर्लभ कॉमिक्स. पहले ये कॉमिक्स मिलना मुश्किल है और फिर इसकी कहानी को आसानी से भूलना भी मुश्किल. वैसे तो इस तरह की कहानी हमेस कई पढ़ी होंगी पर इस कहानी को पढ़ते समय कुछ भी पुराना नहीं लगता ये कहानी जासूसी भी है डरावनी भी है और हास्य भी पैदा करती है. कहानी में गावं के बहार एक कुआं है जो की थारू के कुँए के नाम से जाना जाता है, और रात में जब कोई वहां से निकलता है तो वहां पर भूतों के आवाजे आती है और खून की बारिश होती है इसलिए गावं का कोई भी आदमी डर कर उस तरफ नहीं जाता है. अब तो ये देखना है की वो कुआं भूतों का डेरा है या कुछ और . पढ़े और इस बेहतरीन कहानी का मज़ा लें .

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Wednesday, 6 June 2012

पवन कॉमिक्स - उड़ने वाले इंसान








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पवन कॉमिक्स - उड़ने वाले इंसान


पवन कॉमिक्स की एक और बेहतरीन कॉमिक्स, जैसे की मुझे उम्मीद थी
ये कॉमिक्स भी बेहतर निकली,
पवन कॉमिक्स के बारे में जो की मुझे लगता था की कम से कम
८०० कॉमिक्स को छापी ही होंगी पर मेरे जानकर दोस्तों का कहना था
की ये ४०० कॉमिक्स के अन्दर ही छापी गयी होंगी.
और मेरा दिल और दिमाग इस बात को मानने को तैयार नहीं था .
कारण ये था की मैंने पवन कॉमिक्स तो ३ रूपये के प्रिंट में
भी देखी है इसका साफ़ मतलब था की ये १९८३ से छापना सुरु हवी होगी
और १९९७ तक का तो मुझे अच्छे से याद है छपती थी.
फिर भी सिर्फ ४०० कॉमिक्स के लगभग, ये बात गले नहीं उतरती थी .
फिर एक नई जानकारी सामने आई की पवन और गोयल कॉमिक्स
कभी भी रेगुलर सेट नहीं निकालते थे.
ये सिर्फ गर्मियों की छुटटीयों में ही कॉमिक्स निकलते थे .
यानि साल के चार महीने लगभग
और कुल चार से पाच सेट पूरे साल में.
अब से बात समझना आसान हो गया की ये कॉमिक्स
४०० से भी कम क्यों छापी गयी थी.
पर कुछ भी हो, कहानी तो पवन कॉमिक्स की लाजबाब होती थी
और ये कॉमिक्स भी लाजबाब है


क्या कभी इंसान भी उड़ सकते है बिना
किसी जहाज की मदद से.
पढ़िए और देखिये उड़ते हुवे इंसानों को

SET NO. 61



MCK(S)-225 धरती के लाल {शेरबाज}
http://www.mediafire.com/?qw7ioy5wz6mqdlc
MCK(S)-226 इन्द्र की हार
http://www.mediafire.com/?jer3unbpgh9dq2p
MCK(S)-227 क्रुक बाण्ड और सुपर कार
http://www.mediafire.com/?v6ttbb55u773fmv
MCK(S)-228 राम रहीम और सदाबहार देवानंद
http://www.mediafire.com/?2sui8tivonsosw6
MCK(S)-229 बौना कातिल {विनोद - हामिद}
http://www.mediafire.com/?gznr8r0morcx7o0
MCK(S)-230 कानून का पंजा {अमर-विजय}
http://www.mediafire.com/?9hpyz6qkua14ubf
MCK(S)-231 नकलची तोता {भारत मीना राजा सीरीज}
http://www.mediafire.com/?zks460i8xv2n1e6
MCK(S)-232 आई मुसीबत भाग
http://www.mediafire.com/?ep9y6jcg3j8v92l
MCK(S)-233 फूटी किस्मत
http://www.mediafire.com/?7v2p4zrc47r694y
MCK(S)-234 जिंदा कब्रें
http://www.mediafire.com/?979rcahh0bk8sz2
MCK(S)-235 लाशों की बारात {विनोद - हामिद}
http://www.mediafire.com/?ilh41dvg2bmtn1i
MCK(S)-236 राम रहीम और खूनी दरिन्दे
http://www.mediafire.com/?u5k5d57avq5rcy7
MCK(S)-237 अजय अमित और विषकन्या
http://www.mediafire.com/?5zb79a83l9hr174
MCK(S)-238 मौत की फरियाद
http://www.mediafire.com/?ua59dti4vs7odn6
MCK(S)-239 मकडी रानी और संगीत का जादू
http://www.mediafire.com/?fs5c6971476gctv
MCK(S)-240 अंगुठेलाल और सारी दुनिया खतरे में
http://www.mediafire.com/?5bz5j7lyn3dwj46

MC-1112-Ma Ka Karz

https://drive.google.com/open?id=0B6ar1oxMdhzaQS1RUjc4ZW5NZTg